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वर पक्ष ने शादी कार्ड के जरिये किया बेटी बचाव का आह्वान

तरैया: अगर कुछ करने की जुनून हो तो कोई भी कार्य उसमे बाधक नही होती है. इस कथन को चरितार्थ किया है प्रखण्ड के नेवारी निवासी एक निजी शिक्षक अभिनंदन कुमार सिंह ने. मालूम हो की शिक्षक की आज 06 फरवरी सोमवार को शादी है. सारे मेहमान, इष्ट मित्र घर पर पधार चुके है. अब बारात सज रही है. लेकिन शिक्षक का मानना है कि छात्रों का बोर्ड का परीक्षा है, इसलिए पहले जो बच्चे आये है इन्हें पढ़ाकर कर ही दूल्हे का पोशाक पहनेंगे और तब बारात निकलेगी और पहले छात्र-छात्राओं को पढ़ाया फिर बारात निकली.

शिक्षक के इस अदभुत कार्य को देख आस-पास के लोग हस्तप्रभ है. ग्रामीण सुरेश सिंह, सुभाष कुमार यादव, डॉ वीरेन्द्र गिरी, शिक्षक नवल किशोर यादव आदि ने कहा कि ऐसे ही शिक्षक समाज सुधारक होते है. जो अपने शादी के दिन भी बच्चो को शिक्षा देने का कार्य किया है.

पहली बार शादी कार्ड में दिखा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के नारे

शिक्षक की शादी इसुआपुर के चकहंन गाँव में बिना दहेज़ के हो रही है. शादी का निमंत्रण पत्र भी ऐसा है कि लोगो के बीच चर्चा का विषय बना है. शादी कार्ड पर “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” सुकन्या समृद्ध खाता खोलवाये, दहेज़ से मुक्ति पाये” तथा “बेटा पढ़ता है एक घर सुधरता है. बेटी पढ़ती है पूरा समाज सुधरता है” जैसे नारे भी लिखे है. शादी कार्ड के माध्यम से दहेज़ प्रथा और भ्रूण हत्या पर रोक लगाने की अपील कर यह शिक्षक लोगो को जागरूक करना चाहते है. प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष महेश्वर सिंह ने इसे अच्छी पहल बताते हुए इसकी सराहना किया है.

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