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न्याय के लिए पीड़ित परिवार करेंगे अब उच्च न्यायालय का रुख : अजय राय

इसुआपुर: प्रखंड के दरवां पोखरा के भिडा पर बसे 50 से अधिक परिवारों के अधिकार को लेकर प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि सह किसान एकता मंच के संयोजक अजय राय न्यायालय की शरण मे जाने को तैयार है. बिहार लोक शिकायत से इन 50 परिवारों द्वारा दर्ज मामले के ख़ारिज होने के बाद अब इनके समक्ष न्यायालय की शरण मे जाने का रास्ता ही बचा है.

प्रखण्ड के दरवां पोखरा स्थित भिंडा की जमीन पर बने 50 से अधिक परिवार द्वारा बनाये गए मकान को तोड़ कर खाली करने संबधी नोटिस पर सभी ग्रामीणों ने बिहार लोक शिकायत में अपना अपना परिवाद दाखिल किया गया था, जिसे विभाग द्वारा यह कहकर खारिज कर दिया गया है कि ऐसे मामले को लोक शिकायत से नही सुलझाया जा सकता है अर्थात इस प्रकार के अतिक्रमण संबंधित मामले का निष्पादन नही सुलझाया जा सकता है. दर्ज परिवार के खारिज होने के साथ पीड़ित परिवारों की मुश्किलें बढ़ गयी है और उन्हें अब न्यायालय की शरण मे जाने के अलावा कोई रास्ता नही सूझ रहा है. मामला खारिज होने पर लोगो मे सरकार के प्रति काफी नाराजगी है.

पीड़ितों के लिए संघर्ष का नेतृत्व कर रहे किसान एकता मंच के संयोजक अजय राय ने बताया कि सरकार में लोगो के लिए बनाये गए तमाम सिस्टम फेल हो चुके है. आम लोगो के शिकायत का कोई मोल नही है लोग अपनी फरियाद ले कर जहाँ तहा भटकते रह जाते है और कोई भी पदाधिकारी सुनने का नाम नही ले रहा है, न्याय मिलना तो मिल का पत्थर है, यदि हर मामले के निष्पादन हेतु फरियादी को उच्च न्यायालय में ही जाना पड़ेगा तो सरकार के तमाम तंत्र किस लिए है. जनता सक्षम नही है कि वह न्यायालय तक जाए और अपनी बात रखें, फिर भी सभी लोग सराकर के इस तानाशाह फरमान के खिलाफ़ मिल कर उच्च न्यायालय में परिवाद दर्ज करेंगे और जब तक न्याय नही मिलता सड़क से सदन तक संघर्ष करने का काम करेंगे.

File photo

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