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सारण प्रमंडल में पड़ने वाले 13 मानव रहित रेलवे गेट किया जाएगा बंद

Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल अंतर्गत सारण प्रमंडल में पड़ने वाले के 13 मानव रहित रेलवे गेटो को बंद किया जाएगा. इन मानव रहित रेलवे गेटो को बंद करने की कवायद शुरू हो गयी है.प्रमंडल के सारण जिला में चार तथा गोपालगंज जिला में नौ मानव रहित रेलवे गेट है.

शुक्रवार को पूर्वोत्तर रेलवे के अपर मंडल रेल प्रबंधक बीके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को छपरा जंक्शन का औचक निरीक्षण किया.

निरीक्षण के बाद वे मानव रहित रेलवे ढ़ाला को बंद कराने हेतु प्रमंडलीय आयुक्त से मिले.जहाँ उन्होंने इसके लिए पहल करने की मांग की.

एडीआरएम ने बताया कि मानव रहित रेलवे ढाला को बंद करने के लिए पहले दोनों जिलों के जिलाधिकारियों के पास पत्र भेजकर इन गेटों को सुरक्षा की दृष्टिकोण से बंद कराने हेतु आदेश निर्गत करने का अनुरोध किया गया था. लेकिन इस कार्य में विलंब होते देख प्रमंडलीय आयुक्त से इन मानव रहित गेटों को बंद करने का अनुरोध किया गया है.

उन्होंने आश्वासन दिया है कि जिलाधिकारी से बात कर इसे शीघ्र बंद कराया जाएगा.

इसके पूर्व उन्होंने शुक्रवार की सुबह अचानक अपने सैलून से निकलकर छपरा जंक्शन का निरीक्षण करना शुरू कर दिया. निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई. तीनों प्लेटफार्म पर सफाई करते हुए मात्र पांच सफाई कर्मी दिखाई पड़े. जबकि इन तीनों प्लेटफार्म की सफाई करने के लिए पहले शिफ्ट में 45 सफाई कर्मियों का लगाना है. रेलवे इतने कर्मियों के लिए सफाई कराने वाली कंपनी को भुगतान भी करती है. इसको लेकर एडीआरएम ने संबंधित अधिकारियों की क्लास लगा दिया. उसके बाद उन्होंने छपरा जंक्शन पर खड़ी सिवान जाने वाली सवारी गाड़ी का निरीक्षण किया. जिसमें सभी बोगियों में पंखा बंद मिला. इसे देख वे भड़क गए.उसके बाद उन्होंने संबंधित रेल कर्मियों की क्लास लगा दी. एडीआरएम ने छपरा जंक्शन पर लगे चलंत सीढ़ी, अनारक्षित बुकिग काउंटर, आरक्षित बुकिग काउंटर का भी निरीक्षण किया.

उन्होंने बताया कि छपरा-थावे रेलखंड पर सवारी गाड़ियों के संख्या में अभी वृद्धि संभव नहीं है जबतक कि छपरा से छपरा कचहरी के बीच तीसरी रेलवे लाइन का निर्माण पूर्ण न हो. उन्होंने बताया कि छपरा-बलिया के बीच विद्युतीकरण का कार्य मार्च तक पूर्ण कर लिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि छपरा जंक्शन पर कार्य करने वाले रेल कर्मियों तथा ठेका पर कार्य करने वाले मजदूरों का प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना से आच्छादित करने के लिए कार्य कराया जा रहा है.

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