Chhapra: कोरोना वायरस के unlock 1 में लंबे अरसे बाद गांवों में शहनाई की गूंजी. दरवाज़े पर सज धज कर पहुंची बारात. बारात में शेरवानी में सजा दूल्हा, सर पर सेहरा, दरवाज़े पर जयमाला की रश्म, विधि विधान के साथ मंगल पारंपरिक गीत इन सबो के बीच नागिन धुन और उसपर थिरकते दूल्हे के दोस्त सुनने में कुछ नया नही है, शादियों में ऐसा ही होता है. नया है बाराती से लेकर सराती तक के चेहरे पर मास्क, सीमित लोग, सीमित सजावट और गिने चुने मेहमान.
रविवार को पञ्चाङ्ग के अनुसार शुभ लग्न मुहूर्त में हजारों दूल्हे के सर सेहरा सजा तो वही दुल्हनों के हाथों में मेंहदी भी खिल उठी. शादियों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा थी. वही शहरों में इसकी संख्या ना के बराबर रही. कोरोना वायरस की इस महामारी में करीब 68 दिन के lockdown और उसके बाद जारी Unlock 1 में मिली छूट के बाद रविवार का दिन ख़ास रहा.
सड़कों पर दूल्हे की सजावट वाली गाड़ियां और उसमें बैठें दूल्हे के चेहरों पर हल्की मुस्कुराहट उसके उत्साह को झलका रही थी.
वर्त्तमान समय मे जितनी तेजी के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा देश और राज्य तथा जिले में बढ़ रहा है उस परिस्थितियों में यह आश्चर्यजनक दृश्य है.
रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों शादियां हुई. कई शादियां गाजे बाजे के साथ पूर्णउत्साह से हुई. हालांकि बाराती और सराती दोनों की उपस्थिति सामान्य और सीमित थी. सभी के चेहरों पर मास्क था लेकिन प्रयास जो भी हो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होना बेहद मुश्किल था.
महामारी के इस दौर में सामूहिक आयोजन में सतर्कता का कड़ाई से पालन होना बेहद जरूरी है.