अश्लील गाने बजाने एवं अश्लील सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक रहेगी: जिला प्रशासन

अश्लील गाने बजाने एवं अश्लील सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर रोक रहेगी: जिला प्रशासन

Chhapra: जिलाधिकारी राजेश मीणा एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के द्वारा शारदीय नवरात्र के आगमन के साथ दुर्गा पूजा एवं विजयादशमी/दशहरा त्यौहार के शांतिपूर्ण एवं सौहार्द्र के साथ मनाए जाने के संबंध में जिलास्तरीय शांति समिति की बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई।

जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित शांति समिति के सदस्यों को बताया गया कि 26 सितंबर से कलश स्थापना के साथ नवरात्रि का प्रारंभ हो गया है, जिसका समापन 5 अक्टूबर को होना है। 2 अक्टूबर को सप्तमी, 3 अक्टूबर को महाष्टमी, 4 अक्टूबर को महानवमी एवं 5 अक्टूबर को विजयादशमी मनाया जाएगा। कई स्थानों पर दुर्गा पूजा के अवसर पर स्थाई पूजा स्थलों या अस्थाई पंडालों में माता की प्रतिमा भी बैठाई जाती है और मेले भी आयोजित किए जाते हैं। कहीं-कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ऐसी स्थिति में पूरे सतर्कता एवं सजगता के साथ आपसी भाईचारे एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में त्यौहार को मनाने के लिए शांति समिति की बैठक रखी गई है।ताकि किसी भी प्रकार के लापरवाही से विधि व्यवस्था की समस्या या तनाव की स्थिति न उत्पन्न हो जाए।

इस अवसर पर जिलास्तरीय शांति समिति के गणमान्य सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए अनुरोध किया कि दुर्गा पूजा एवं दशहरा के अवसर पर विभिन्न स्थलों पर मेले का आयोजन किया जाता है। विभिन्न थानों से आए हुए गणमान्य व्यक्तियों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ गंगा जमुनी तहजीब को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों के शिथिल होने के बाद व्यापक पैमाने पर त्यौहार मनाया जा रहा है। त्यौहार को देखते हुए विशेष रूप से अलर्ट रहने का निर्देश सभी प्रतिनियुक्त किए गए दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया है। सभी संवेदनशील स्थलों पर संयुक्त आदेश द्वारा दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दिए जाने की जानकारी दी गई।

जिलाधिकारी ने डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध होने की जानकारी देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर का प्रयोग अनुमति के साथ किया जा सकता है। पूजा के दौरान अश्लील गाने बजाने की अनुमति नहीं है। अश्लील एवं भद्दे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित न किया जाएं। अगर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है, तो इसके लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी से अनुमति लिया जाए।

जिलाधिकारी ने शांति समिति के सदस्यों को जानकारी दी कि पूजा पंडाल के आयोजन पर रोक नहीं है, लेकिन इसके लिए थाना स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य है। जुलूस भी निकालने के लिए थाना से अनुज्ञप्ति लेनी होगी और इसके रूट का सत्यापन थानेदार द्वारा स्वयं करने के उपरांत अपनी अनुशंसा के साथ अनुमंडल पदाधिकारी को अनुमोदन हेतु भेजेंगे।

पुलिस अधीक्षक ने निर्देश दिया कि कोई भी पूजा समिति हथियार के साथ जुलूस नहीं निकालेंगे। इसकी अनुमति कदापि नहीं दी जाएगी। जुलूस निर्धारित मार्ग पर ही चले और इसके साथ दंडाधिकारी और पुलिस बल अनिवार्य रूप से लगाया जाए। सांप्रदायिक सौहार्द्र को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मेले और पूजा के आयोजन में सावधानी और सतर्कता बरतनी आवश्यक है। सभी पूजा पंडालों में अग्निशमन यंत्रों एवं सीसीटीवी की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। अस्थाई विद्युत संयोजन भी विद्युत आपूर्ति विभाग से प्राप्त किया जाए, चोरी छुपे बिजली का प्रयोग पूजा में कदापि ना किया जाए। पूजा के आयोजन में स्वयंसेवकों की संख्या अच्छी होनी चाहिए। सभी स्वयंसेवक पहचान पत्र लगाकर उपस्थित रहें। पंडालों में प्रवेश एवं निकासी का मार्ग अलग-अलग रहे।

पूजा में लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है, किन्तु डीजे के प्रयोग की मनाही है। अश्लील गाने कदापि ना बजाएं। प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस बल भी लोगों को आवश्यकता पड़ने पर मार्गदर्शन देंगे एवं भीड़ को नियंत्रित करते रहेंगे।

पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट रूप से बतलाया कि डीजे प्रतिबंधित है, आपत्तिजनक गाने भी नहीं बजने चाहिए। शांति समिति के सदस्य हमारे ही अंग हैं, अतः प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कराना उनका भी दायित्व है। इस समय नगर पालिका निर्वाचन भी संपन्न हो रहा है। ‌ अतः इसको देखते हुए विशेष रुप से सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि सामाजिक एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति नहीं उत्पन्न हो।

जिलाधिकारी ने शांति समिति के सदस्यों को जानकारी दी कि महत्वपूर्ण स्थलों पर रैपिड एक्शन टीम तैनात रहेगी। सभी डॉक्टर एवं हॉस्पिटल के स्टाफ भी तैयारी मोड में रहेंगे। अग्निकांड को रोकने के लिए फायर बिग्रेड भी तैयार रहेगी।
प्रतिमाओं के विसर्जन स्थल के संबंध मे जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार बहते हुए जल में प्रतिमा का विसर्जन ना कर अस्थाई तालाब में प्रतिमा का विसर्जन किया जाए। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी विसर्जन हेतु अस्थाई तालाब का निर्माण कर उसमें पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे। सभी पूजा समितियों को प्रशासन द्वारा निर्मित अस्थाई तालाबों में प्रतिमा का विसर्जन करना होगा।

बिना वीडियोग्राफी और दंडाधिकारी के साथ कोई विसर्जन जुलूस ना निकले यह सुनिश्चित कराया जाएगा। निर्धारित समय तक सभी पूजा समिति प्रतिमा का विसर्जन कार्य संपन्न कर लेंगे।

उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त अमित कुमार, अपर समाहर्ता डॉक्टर गगन, जिला स्तरीय पदाधिकारीगण, थाना प्रभारीगण, एवं जिला शांति समिति के सदस्य व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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