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जिले में कैश का संकट चरम पर, दिख रहे है नोट बंदी जैसे हालात: जितेंद्र राय

Chhapra: मढौरा के राजद विधायक जीतेन्द्र कुमार राय ने कहा है कि देश के कई हिस्सों में एक बार फिर कैश संकट चरम पर है. बिहार समेत पूरे देश में कैश की संकट से जुझ रहा है.

एटीएम के बाहर फिर से लोगों की लंबी कतारें दिख रही हैं. लोगों में डर है कि कहीं देश में फिर से नोटबंदी जैसे हालात न हो जाए. लेकिन इस मामले सरकार व आरबीआई के द्वारा गलत बयानी की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हालात से निपटने के लिए जो बयान आ रहे हैं, वह नोटबंदी की तरह जितनी मुंह, उतनी बातें कही जा रही हैं.

विधायक ने कहा कि ” वित्त मंत्री अरुण जेटली कह रहे हैं कि कैश का कोई संकट नहीं है” जबकि वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला मान रहे हैं कि “संकट तो है और दो-तीन दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.

विधायक ने आश्चर्य जताया है कि तीन माह से कैश संकट है और एक लाख रुपये की डिमांड पर दस हजार की सप्लाई की जा रही है.

विधायक श्री राय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस बयान को झुठ का पुलिंदा बताया है जिसमें वित्त मंत्री ने कहा है कि “पर्याप्त से ज्यादा करेंसी चलन में है और कुछ राज्यों में अस्थायी कमी की समस्या से जल्द निपट लिया जाएगा, ‘कैश संकट के इस मुद्दे पर उन्होंने खुद पूरी स्थिति की समीक्षा की है”.

विधायक श्री राय ने कहा कि इसी मामले में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का बयान कि “कैश की किल्लत से निपटने के लिए सरकार ने एक समिति बनाई है” ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है.

उन्होंने कहा यह सरकार अब जाने वाली है. उन्होंने कहा कि जब कोई संकट व समस्या नहीं है तो सरकार ने राज्यवार समितियां किस लिए बनाई हैं और रिजर्व बैंक के द्वारा अपनी एक अलग कमिटी बनाने का क्या औचित्य है? विधायक ने कहा कि रिजर्व बैंक की रपट बताती है कि देश में अभी मुद्रा का स्तर नोट बंदी के समय वाले स्तर यानी करीब 17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. विधायक ने केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित एफआरडीआई बिल का खौफ है . विधायक ने रिजर्व बैंक ऑफिसर कन्फेडरेशन के उस बयानों जिसमें कहा गया है कि कहा कि “देश में 30 से 40 फीसदी कैश की कमी है” की चर्चा करते हुए कहा कि नोट बंदी, जीएसटी और अब बैंकों में आर्थिक संकट केन्द्र सरकार की गलत नीतियों की देन है और इस सरकार के पतन का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

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