शिक्षकों को मिलेगी MDM कार्य से मुक्ति : बंसीधर ब्रजवासी

शिक्षकों को मिलेगी MDM कार्य से मुक्ति : बंसीधर ब्रजवासी

Chhapra: नियोजित शिक्षकों के प्रशिक्षण उपरांत ओडीएल की परीक्षा एवं एमडीएम कार्य को लेकर उच्च विद्यालय मरहौरा के प्रांगण में बिहार परिवर्तनकारी शिक्षक संघ सदस्यों की बैठक आयोजित की गई.

बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बिहार प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर बृजवासी, जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह सहित संगठन के सैकड़ों सदस्य मौजूद थे.

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एनसीईआरटी द्वारा द्वारा एससीईआरटी के सहयोग से ओडीएल का प्रशिक्षण कराया गया. लेकिन यह दुख की बात है कि नियत समय बीत जाने के बाद भी शिक्षकों की प्रशिक्षण उपरांत परीक्षाएं लंबित है.

ओडीएल प्रशिक्षण परीक्षा को लेकर विगत वर्ष उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी जिस के आलोक में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और एससीईआरटी द्वारा परीक्षा का आयोजन अप्रैल माह में करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अब तक कोई पहल विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है. जिससे इस सुनवाई के लिए पुनः एक बार न्यायालय जाना होगा.

उन्होंने बताया कि मढ़ौरा प्रखण्ड पूरे प्रदेश के ओडीएल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षकों का नेतृत्व करते हुए इस लड़ाई को लड़ेंगे.

बंशीधर बृजवासी ने कहा कि आए दिन विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के नाम पर हो रहे शिक्षकों के शोषण भी अब समाप्त होने वाला है. विगत 9 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने दायर सीडब्ल्यूजी सी पर सुनवाई करते हुए जल्द से जल्द शिक्षकों को एमडीएम कार्य से मुक्त करने का निर्देश दिया है.

इस मामले पर सरकार ने अपनी ओर से कहां है कि मध्यान भोजन संचालन का कार्य स्वयं सहायता समूह को देने की योजना बनाई जा रही है लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट रुप से पूछा है कि यह कार्य कब तक संपन्न होगा.

उन्होंने बताया कि इस मामले में अगली तिथि 25 जून निर्धारित की गई है. जिसके बाद से शिक्षकों को इस कार्य से मुक्ति मिल सकती है.

वही समान कार्य समान वेतन को लेकर उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया जाएगा ऐसा माना जा रहा है. सरकार पूरी तरह से घिर चुकी है और उसे शिक्षकों का हक देना होगा.

बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना के कारण शिक्षकों का शोषण होता रहा है. जिले की सबसे बड़ी घटना गंडामन में मृत बच्चों के मामले में शिक्षिका जेल में है. वही कई अन्य मामलों को लेकर शिक्षको पर प्राथमिकी दर्ज है. इसके साथ-साथ प्रारंभिक विद्यालयों में इस योजना में शिक्षकों की संलिप्तता के कारण शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.

उच्च न्यायालय के निर्णय आने से शिक्षकों को राहत महसूस होगी. वही शिक्षण व्यवस्था भी बेहतर होने के आसार हैं.

बैठक में मढ़ौरा प्रखंड अध्यक्ष सूर्यकांत सिंह, सचिव सतनारायण साह, मकेर अध्यक्ष निज़ाम, इसुआपुर अध्यक्ष अशोक यादव सहित जिला सचिव संजय राय के शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे.

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