छपरा: राज्य सरकार ने विगत दिनों जनवरी माह के वेतन भुगतान का पत्र जारी किया. सरकार के द्वारा जारी इस पत्र पर शिक्षा मंत्री ने बयान देते हुए यह कह दिया कि सरकार हड़ताली शिक्षको को एक माह का वेतन दिया गया है. शिक्षक सरकार के अंग है और सरकार को इनकी चिंता है.
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शिक्षा मंत्री के इस बात पर कड़ा विरोध जारी करते हुए सरकार के इस बयान की कड़ी निंदा की है. शिक्षक नेताओ का कहना है कि अपर मुख्य सचिव ने जनवरी माह के वेतन भुगतान का आदेश दिया है. वही फरवरी माह में कार्याअवधि के भुगतान पर रोक यह कहते हुए लगाई गई है कि जो शिक्षक हड़ताल पर है उनका भुगतान नही होगा, ऐसे में सरकार किसकी हितैसी है.
शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा है कि सरकार ने जनवरी में किये गए कार्यो के वेतन का भुगतान 2 माह बाद जारी करने का निर्देश दिया है. यह बतलाता है कि सरकार शिक्षकों की कितनी हितैसी है. शिक्षा मंत्री का यह बयान की शिक्षक हमारे अंग है और उनके परिवार को चिंता है. तो आखिर किन नियमो के तहत कार्यावधि के वेतन भुगतान ओर रोक लगाई गई. शिक्षकों ने जो कार्य किया आप उसका भुगतान कर वाहवाही लूट रहे है.
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अगर शिक्षक और उसके परिवार की चिंता है तो सरकार शिक्षकों से वार्ता करें. शिक्षकों ने हड़ताल में रहने के बावजूद सरकार के कदम से कदम मिलाकर राज्य और देश हित मे कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया. अगर शिक्षकों को अपना कर्तव्य याद नही रहता तो वह धरना देते, गांव गांव घूमकर जागरूकता अभियान नही चलाते, आर्थिक तंगी में भी जनता के बीच साबुन, हैंडवाश, का वितरण कर शिक्षकों ने अपना कर्तव्य निभाया है. सरकार भी अपना कर्तव्य निभाये, शिक्षकों से वार्ता करें. शिक्षकों की मांगों को पूरा करें.