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सड़क से लेकर सदन तक पूरी ताकत के साथ शिक्षकों के साथ: डॉ लालबाबू

Chhapra: बिहार के सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू भाजपा की सरकार का दमन चक्र बढ़ता ही जा रहा है. समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पिछले 18 जुलाई को शिक्षकों के शांतिपूर्ण धरना सभा को नीतीश सरकार के पिछलग्गू पटना पुलिस ने लाठीचार्ज के द्वारा तीतर बितर कर दिया था महिला शिक्षकों को भी नही बख्शा गया था. उक्त बातें राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भावी प्रत्याशी डॉ लाल बाबू यादव ने कही.

उन्होंने कहा कि पटना पुलिस शिक्षक शिक्षिकाओं पर लाठी बरसा रही थी शिक्षक नेताओं की गिरफ्तारियां भी की गई उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया. उसके बाद भी सरकार नियोजित आंदोलनकारी शिक्षकों का मनोबल नही तोड़ सकी है. शिक्षकों ने राज्य भर में प्रखंड एवं जिला स्तर पर धरना एवं रैलियां आयोजित कर सरकार को यह अल्टीमेटम दे दिया है कि सरकार चाहे जो भी दमनात्मक कार्रवाई करे शिक्षक अपने वाजिब हक लिए बिना टस से मस नही होंगें.

उन्होंने कहा कि मौजूदा समस्या 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के पटना में आयोजित होने वाले धरना को लेकर के है. पटना जिला प्रशासन ने एकतरफा गांधी मैदान के आवंटन को रद्द कर दिया है और अनावश्यक रूप से पहली बार उस दिन विद्यालयों को खोल दिया है. इससे यह प्रतीत होता है कि बिहार सरकार शिक्षकों से डर गई है इसे शिक्षकों की जीत मानना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक पूरी ताकत के साथ शिक्षकों के साथ खड़ी है और हमलोग तब तक साथ खड़े रहेंगे जबतक शिक्षकों के जायज मांगो को सरकार स्वीकार नहीं कर लेती. हम सरकार को यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर सरकारी दमन इसी तरह जारी रहा तो शिक्षक आगामी विधानसभा चुनाव एवं उसके पूर्व सम्पन्न होने वाले उपचुनाव के साथ ही विधान परिषद के शिक्षक एवं स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में सरकार एवं सरकार समर्थित उम्मीदवार एवं नेताओं को सबक अवश्य सिखाएंगे.

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