Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

शिक्षक संघ ने डीपीओ कार्यालय में किया प्रदर्शन

छपरा: समान काम समान वेतन की मांग को लेकर बिहार परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया.

सोमवार को प्रदर्शनकारी शिक्षकों द्वारा राज्य और केंद्र सरकार के विरुद्ध नारे लगाए गए और जल्द से जल्द समान काम समान वेतन लागू करने की मांग की गई.

जिला अध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षकों के साथ छलावा कर रही है. छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार द्वारा राज्य में कार्यरत शिक्षकों का संविलियन कर दिया गया. मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए इस कार्य को लेकर समरेंद्र बहादुर ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि बिहार की सरकार दो नाव पर सवार है. जिस पैसे से सूबे का विकास होना चाहिए, शिक्षा का विकास होना चाहिए उस पैसे को सरकार कोर्ट एवं न्यायालय में खर्च कर रही है. जिससे शिक्षा और शिक्षक दोनों ही निचले स्तर पर जा रहे हैं.

श्री सिंह ने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता को तोड़े और जिस प्रकार छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सरकार ने बिना न्यायालय के हस्तक्षेप के शिक्षकों का संविलियन करने और उन्हें नियमित शिक्षकों की तरह संपूर्ण लाभ देने का निर्णय लिया गया है, ठीक उसी तरह राज्य सरकार भी नियोजित शिक्षकों के हक में समान काम समान वेतन को लागू कर करें.

श्री सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार अगर शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन नहीं देती है तो इसका हर्जाना उसे अगले चुनाव में भुगतना पड़ेगा. आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में शिक्षक पुरजोर तरीके से सरकार और उसके सभी उम्मीदवारों के विरुद्ध कार्य करेंगे और राज्य के नीतीश सरकार तथा केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मतदान के लिए प्रेरित करेंगे.

प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रुप से जिला सचिव संजय राय, उपाध्यक्ष विकास कुमार, मुकेश कुमार, अरविंद राय, सुमन कुमार, राजेश कौशिक, राजू सिंह, संतोष कुमार, रवि रंजन कुमार, सुमन कुमार कुशवाहा, गिरधारी प्रसाद रस्तोगी, प्रकाश सिंह, इंद्रजीत महतो, विनोद कुमार, अनुज कुमार, नरेंद्र यादव, अशोक यादव, सूर्यदेव सिंह, संतोष कुमार, विनायक कुमार यादव, मंटू कुमार मिश्र, अभय सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे.

Exit mobile version