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जागरूकता से टीबी पर पाया जा सकता है काबू: डॉ० निशु कुमार सिंह

Chhapra: विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में शुक्रवार को विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम पूरे धूम-धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन तथा इस क्षेत्र में संलग्न अभ्यर्थियों को अपना स्नेहाशीष प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्य अतिथि के रूप में सारण के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डी० एम० कार्डियोलोजिस्ट डॉ० निशु कुमार सिंह के साथ विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी के संस्थापक सह वी० आई० पी० स्कूल के निदेशक डॉ० राहुल राज अध्यक्ष विपिन कुमार सिंह, ई० नीलम सिंह तथा चित्रकेतु मिश्रा, पंकज मिश्रा, दिनेश प्रसाद, अशोक शर्मा जी भी उपस्थित हुए।

मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया तथा तदोपरांत टीबी रोग से जुड़े विभिन्न प्रकार के रोचक और ज्ञानप्रद कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ० निशु कुमार सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष विश्व टीबी दिवस हर किसी के लिए रुकने और विचार करने का अवसर इसलिए है कि मानवता के लिए और आपके लिए हम सभी मिलकर अपने विश्व को टीबी रोग से कैसे मुक्त करें और हाँ! यदि हम ठान ले, तो अवश्य ही इस रोग पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। बस जरूरत है तो उचित जानकारी और सही उपचार की।

मौके पर उपस्थित फार्मेसी इंस्टिट्यूट के संस्थापक सह निदेशक डॉ० राहुल राज ने भी कहा कि आज का यह दिन हम सभी के लिए अत्यंत विशेष है, क्योंकि यह हमें एकजुटता प्रदान करता है और कहा गया है न कि समन्वयता और एकजुटता हो तो ऐसे संक्रामक रोगों से बहुत जल्द ही निजात पाया जा सकता है। उसी प्रकार हम सभी मिलकर इस वैश्विक संक्रामक टी० वी० जैसे रोग से पूरे विश्व को बहुत जल्द मुक्त करा सकते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी अपने राष्ट्र को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से तरह-तरह के कई अभियान चलाने हेतु हजारों करोड़ रुपये निवेश करने का एलान कर रहे हैं ताकि हमारा देश सुरक्षित रह सके। आज प्रत्येक दृष्टि से टीका लगवाना भी जरूरी है, जो विभिन्न प्रकार के संक्रामक रोगों से हमारी रक्षा करता है।

डॉ० राहुल राज ने यह भी बताया कि हर साल 24 मार्च के दिन ही इस दिवस को मनाने का मकसद है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक करना, क्योंकि दुनिया भर में हर साल हजारों लोग इस संक्रामक रोग से संक्रमित होकर मर जाते हैं। यह एक वैश्विक अभियान है जिसके माध्यम से लोगों को यह बताया जाता है कि इससे कैसे बचा जा सकता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि दुनिया के हर कोने में स्वास्थ्य को और बेहतर कैसे बनाया जा सके ताकि किसी भी प्रकार से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इस रोग का कोई गलत प्रभाव न पड़े।

अध्यक्ष विपिन कुमार सिंह ने भी अपने मंतव्यों में कहा कि इस फार्मेसी इंस्टिट्यूट की स्थापना करने का मुख्य उद्देश्य यही था कि जहाँ अपने क्षेत्र से बच्चों को इस शिक्षा हेतु अपने घरों से दूर बाहर जाकर रहना पड़ता था वहीं अब अपने घरों के नजदीक सम्पूर्ण सुविधाओं से लैश इस सुसज्जित संस्थान में अपनी अध्ययन प्रक्रिया को पूर्ण कर एक योग्य फार्मेसिस्ट के रूप में लोगो को स्वस्थ रखने से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की जानकारी देने का अवसर प्राप्त हो रहा है तथा उन्हें दुनिया मे अपनी अलग पहचान कायम करते हुए स्वास्थ्य संबंधी योगदान देने का भी अवसर प्राप्त होता है।

अंत में चित्रकेतु मिश्रा ने भी अपने सम्बोधन में टीबी जैसे संक्रामक रोग की गंभीरता को बताया तथा उसे कैसे खत्म कर सकते हैं, इससे जुड़े तथ्यों को भी बताकर लोगो के मनोबल को बढ़ाया। उन्होंने यह भी दर्शाया की पूरी दुनिया मे 1.73 करोड़ लोग हर वर्ष टीबी जैसे अनेकों संक्रामक बीमारी के शिकार होकर मर जाते हैं यदि हालातो पर काबू नही पाया गया तो आने वाले वर्ष में हर तीसरे व्यक्ति की मौत इस संक्रामक रोग से होगी। उक्त अवसर पर वहाँ उपस्थित सभी छात्र/छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय टीबी दिवस से सम्बंधित तरह-तरह के हस्तशिल्प पोस्टर्स के साथ प्रदर्शनी भी लगाए गए। जिसके तहत लोगो को इस दिवस की महत्ता तथा उनमें जागरूकता लाने का अथक प्रयास किया गया एवं साथ ही सभी विद्यार्थियों ने यह भी प्रण किया कि जी-जान से मेहनत करते हुए वे एक सम्पूर्ण फार्मेसिस्ट की उपलब्धि को हासिल करेंगे और अपनी महवपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देने हेतु लगभग सैकड़ो की संख्या में फार्मेसी इंस्टिट्यूट के विद्यार्थियो समेत अन्य लोग उपस्थित थें।

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