Chhapra: बिहार दिवस के अवसर पर आपके छपरा टुडे डॉट कॉम के द्वारा परिचर्चा का आयोजन स्थानीय सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल में किया गया. ‘बिहार के शैक्षणिक विकास में निजी शिक्षण संस्थानों की भूमिका’ विषयक इस परिचर्चा में शहर के निजी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये.
परिचर्चा में सेंट्रल पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ हरेन्द्र सिंह ने कहा कि निजी विद्यालय बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए कार्य कर रहे है. इस कार्य में शिक्षकों को अभिभावकों की मदद भी मिले इसकी जरुरत है. आज अभिभावक अपने आकांक्षा को बच्चों पर थोप रहे है और खुद अपनी जिम्मेवारी से भाग रहे है जो सही नहीं है. जबतक अभिभावक अपने बच्चों के विकास में शिक्षकों के साथ योगदान नहीं देंगे विकास संभव नहीं को सकेगा. अभिभावकों के लिए जरुरी है कि वह अपने बच्चों के क्रियाकलापों पर नजर रखे. कई बार ऐसा देखा गया है की विद्यालय में अभिभावक आने से बचते है. जबकि विद्यालय प्रबंधन हमेशा चाहता है कि बच्चे के विकास को लेकर हर जानकारी अभिभावकों से साझा की जाए. ऐसा करने से अभिभावक अपने ही बच्चो का अहित कर रहे है. शिक्षा के व्यवसायीकरण पर उन्होंने कहा कि विद्यालय व्यवसायिक जरुर हुए है पर बच्चों के प्रति गंभीर है. अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरुरत है.
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के पूर्व प्राचार्य राम दयाल शर्मा ने कहा कि सरकार विद्यालयों की तुलना में निजी शिक्षण संस्थानों ने अपने परिश्रम के बल पर बिहार को आगे ले जाने में भूमिका निभा रहे है. बच्चों को संस्कार के साथ बेहतरीन शिक्षा का माहौल मिले इसके लिए निजी संस्थान लगातार प्रयासरत है. गरीब बच्चों के पढाई में भी आज निजी विद्यालय आगे आये है और उन्हें भी शिक्षा उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि निजी शिक्षण संस्थान नहीं होते तो बिहार की शिक्षण व्यवस्था सही रूप में नहीं रहती. सरकार की व्यवस्था के कारण आज अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी लाभ के लिए सरकारी विद्यालय में दाखिला करा रहे है साथ ही साथ पढाई के लिए निजी विद्यालय में भी दाखिला दिला रहे है जो सही नहीं है. सरकार को अपनी व्यवस्था में सुधार लानी चाहिए.
सेंट्रल पब्लिक स्कूल के प्राचार्य मुरारी सिंह ने कहा कि निजी विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की बहाली की जाती है साथ ही उनके शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान रखा जाता है. शिक्षकों और अभिभावकों में तालमेल बना रहे इसके लिए समय समय पर बैठक का आयोजन किया जाता है. ऐसी व्यवस्था सरकारी विद्यालयों में नहीं मिलती.
सेंट्रल पब्लिक स्कूल के मैनेजर विकास कुमार ने कहा कि निजी शिक्षण व्यवस्था आज के दौर में कारगर है. सरकार खर्च तो करती है पर सही जगह नहीं करती, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा बदलाव नहीं दिख रहा है. निजी संस्थान बेहतर शिक्षा मुहैया करा रहे है. इसके लिए निजी विद्यालय थ्री डी व्यवस्था पर काम कर रहे है जिसमें प्रबंधन, विद्यार्थी और अभिभावक शामिल है. अभिभावकों को चाहिए की वे अपने बच्चों के कार्यकलापों पर नजर रखे. उन्होंने कहा कि शिक्षा पैसों से नहीं बल्कि लगन से आती है.
कोचिंग संस्था सक्सेस पॉइंट के निदेशक मनंजय कुंवर ने कहा कि सारण प्राचीन काल से श्रेष्ठ रहा है. आज के दौर में शिक्षा में गिरावट आई है जो चिंतनीय है.उन्होंने कहा कि निजी शिक्षण संस्थान अपने दम पर बिहार के भविष्य युवाओं के उत्थान में जुटे है. हमारा राज्य गरीब है फिर भी यहाँ के लोग अपने बच्चों को दूसरे राज्य में भेज कर वहाँ के व्यवस्था को फायदा पहुंचा रहे है. जबकि यहाँ ही सभी सुविधा उपलब्ध है.
वात्सल्य की निदेशक सीमा सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में ऐसा देखा जा रहा है कि अभिभावक अपने बच्चों को शहर में शिक्षा देने की जगह बाहर भेजना सही समझ रहे है. जबकि यही पर बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था मौजूद है. ऐसा होने से राज्य के होनहार बच्चे अन्य राज्यों में जाकर पढ़ते है. अभिभावकों में होड़ है की हमारे बच्चे बाहर और महँगी शिक्षा ग्रहण करें, जबकि जरुरी यह है की बच्चों को गुणवक्तापूर्ण शिक्षा मिले.
शारदा क्लासेज के निदेशक वसुमित्र कुमार ने कहा कि अभिभावकों को यह तय करना होगा कि अपने बच्चों को कहा और कैसी शिक्षा देनी है. बच्चों में शहर से बाहर जा कर पढने का उत्साह होता है. इसमें जरुरी है कि अभिभावक उनका सही मार्गदर्शन करें. शहर में भी हर तरह के कोचिंग संस्थान मौजूद है जो स्तरीय शिक्षा मुहैया करा रहे है.
BLISS ACADEMIA के निदेशक पंकज सिंह ने कहा कि value of education जरुरी है. निजी संस्थान अपनी जिम्मेवारी को इमानदारी से निभा रहे है. शिक्षक छात्रों की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना ही उनके साथ साथ मेहनत कर रहे है.
कार्यक्रम का संचालन अमन कुमार ने किया. इस अवसर पर छपरा टुडे डॉट कॉम के उप संपादक संतोष कुमार बंटी, चीफ रिपोर्टर कबीर अहमद, सीपीएस की शिक्षिका अमिता श्रीवास्तव, पत्रकार धर्मेन्द्र रस्तोगी, प्रभात किरण हिमांशु और डॉ सुनील प्रसाद उपस्थित थे.