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बच्चों व गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा लाभ

(नगरा से अयूब रज़ा की रिपोर्ट): सरकार भले ही आगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए रुपये पानी की तरह बहा रही हो, लेकिन देखा जाये तो सरकार का यह प्रयास पूरी तरह से फलीभूत होता नजर नहीं आ रहा है. विभाग की लापरवाही के चलते आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा राशन वितरण में जमकर धांधली करना इसका मुख्य कारण है.

बताते चले की नगरा प्रखंड में नगरा पंचायत के रसूलपुर में वार्ड नंबर पांच एवं छः में रसूलपुर दक्षिण टोला में  आगनबाड़ी केंद्र है. छह साल से कम उम्र के बच्चों व गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर माह प्रत्येक आगनबाड़ी केंद्र पर हजारों रुपये के पौष्टिक तत्व, गेहू, चावल, चीनी, गुड़, मूंगफली, सोयाबीन, दाल, चना सहित कई तरह की खाद्य सामग्री भेजी जाती है. बताया जाता है कि अधिकांश आगनबाड़ी कार्यकर्ता राशन बनाने वाली महिलाओं से मिलकर इस राशन में अधिकाश राशन स्वयं हड़प कर ली जाती है. ऐसे में खानापूर्ति के लिए जो राशन बनाती हैं वह मीनू के मुताबिक भी नहीं होता है. वहीं नगरा के उपमुखिया पुष्पा देवी का कहना है कि यह विभाग धांधली  का सबसे बड़ा अड्डा है.

यह आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा की विभाग द्वारा जो खाद्य सामग्री बच्चों व महिलाओं को भेजी जाती है उसमें से तिहाई भी नहीं बाटी जाती है. वहीं ग्रामीणों का भी कहना है की ऐसे कई आगनबाड़ी केंद्र है जहा न खुलने का समय है और न ही बन्द होने का. बहरहाल दोपहर 12 बजे जब पत्रकार ने आगनबाड़ी केंद्र वार्ड नंबर 6 पर जब पहुचे तो वहां पर सिर्फ सात बच्चे खेल रहे थे जब सहायिका गायत्री देवी एवं सेविका सरिता देवी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ठंड के कारण बच्चे नही आ रहे है पढ़ने. बच्चों के उपस्थिति दिखाने के लिए सहायिका सरिता देवी ने बच्चों को घर जाकर बुलाने का कार्य शुरू करने लगी. वहीं 20 से 25 बच्चे ही उपस्थित हो पाये. कुल बच्चे 40 है. वैसे ही आगनबाड़ी पांच में तो लगभग आठ से दस बच्चे उपस्थित थे. सेविका कविता देवी व सहायिका कौसल्या देवी ने बताया की बच्चे बहुत कम आ रहे है ठंड है. विभाग के तरफ से काफी लापरवाही है, जिसके कारण भी यह धांधली फलफूल रही है.

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