सारण के पांच प्रखंडों में एंटीबॉडी जांच के लिए सीरो सर्विलांस अध्ययन शुरू

सारण के पांच प्रखंडों में एंटीबॉडी जांच के लिए सीरो सर्विलांस अध्ययन शुरू

• प्रत्येक प्रखंड के दो-दो गांवों से लिया जायेगा ब्लड सैंपल
• एक गांव में 40-40 व्यक्तियों का लिया जायेगा सैंपल
• विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की जायेगी तकनीकी सहायता
• 14 फरवरी तक पूरा होगा अध्ययन

Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिले में सीरो सर्विलांस स्टडी शुरू की गयी है। इस अध्ययन से यह पता लगाया जा रहा है कि वैसे कितने लोग हैं? जिन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ और बिना जांच व इलाज कराए वह ठीक भी हो गये। उन लोगों की एंटीबॉडी संक्रमण की स्थिति क्या है? गांव के 40 – 40 व्यक्तियों के ब्लड का नमूना टीम के द्वारा लिया जा रहा है और लिए गए ब्लड के नमूने को सुरक्षित तरीके से जांच के लिए पटना ले जाया गया। जांच परिणाम के उपरांत इस मामले में आवश्यक कदम उठाए जायेंगे।

जिले के पांच प्रखंडों के दो- दो गांवों में सर्वे

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि सीरो सर्विलांस टेस्ट के लिए जिले के पांच प्रखंडों का चयन किया गया है। जिसमें छपरा शहरी, सोनपुर, जलालपुर, एकमा, दरियापुर प्रखंड शामिल हैं । इन प्रखंडों के प्रत्येक दो गांव में टीम के द्वारा कैम्प लगाकर 40-40 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया है। इसको लेकर टीम का गठन किया गया है। ब्लड सैंपल कलेक्शन प्रखंड के लैब तकनीशियन के द्वारा किया जा रहा है। जिसमें डाटा ऑपरेटर के द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

जूम एप के माध्यम से दिया गया है प्रशिक्षण

सीरो सर्विलांस जांच के लिए संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों को जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण में इस बात की जानकारी दी गयी है कि एक व्यक्ति का 5 एमएल ब्ल्ड लेना है। इसके साथ ब्लड सैंपल को सुरक्षित तरीके से कोल्डचेन तक पहुंचाया जायेगा। प्रत्येक टीम के पास वैक्सीन कैरियर बैग और आईस पैक रखना है। सैंपल कलेक्शन के दौरान सभी कर्मियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है।

सैंपल लेने से पहले लिया जायेगा सहमति पत्र

सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि सीरो सर्विलांस जांच के लिए लोगों का ब्लड सैंपल लेने से पहले इस बारे में स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा विस्तृत जानकारी दी जायेगी। गांव में लोगों का ब्लड सैंपल लेने से पहले सहमति पत्र लेना अनिवार्य होगा। जिसमें प्रतिभागी को यह सहमति देनी होगी कि सीरो सर्विलांस के बारे में मुझे समझाया गया है और मुझे सवाल पूछने का मौका दिया गया है। मैं उनके जवाब से संतुष्ट हूं। मुझे अपनी मर्जी से भाग लेने के निर्णय के लिए समय और स्वतंत्रता दी गयी। मैं इस निगरानी मैं भाग लेने का सहमति देता/देती हूं। इसमें उनका हस्ताक्षर किया सहमति पत्र लेना है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम कर रही है सहयोग

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने बताया कि सीरो सर्विलांस में डब्ल्यूएचओ के द्वारा तकनीकी सहयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही फील्ड स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जा रही है। सीरो सर्विलांस स्टडी के लिए माइक्रोप्लान बनाया गया है। माइक्रोप्लान के अनुसार हीं ब्लड सैँपल लेना है।

हेल्थ केयर वर्करों का भी लिया जायेगा सैँपल

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने बताया कि सीरो सर्विलांस के द्वारा चयनित पांचों प्रखंडों के ऐसे हेल्थ केयर वर्करों का ब्लड सैंपल लिया जायेगा, जिन्होंने किसी कारण से अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। जो हेल्थ केयर वर्कर गर्भवती हैं या स्तनपान कराने वाली हैं और कोविड की वैक्सीन नहीं ली है तो उसका भी ब्लड सैंपल लिया जायेगा।

यह है सीरो सर्वे

• किसी क्षेत्र में वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए सीरो सर्वे किया जाता है
• चयनित लोगों के सैंपल लिए जाते हैं। जांच कर एंटीबॉडी का पता लगाते हैं
• वायरस खत्म होने के बाद भी यह एंटीबॉडी संबंधित व्यक्ति के ब्लड में रहती है
• यह पता लगता है कि व्यक्ति कभी न कभी संबंधित वायरस की चपेट में आया था

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