Chhapra: अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव का ख्याल आते ही गोवा या अन्य बड़े शहरों का ख्याल आता है. ऐसे आयोजन छपरा जैसे शहर में होना सपने के सामान था पर अब यह सपना साकार हो चुका है. विगत 3 और 4 सिसम्बर को छपरा में पहली बार एक अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह का आयोजन हुआ. यह आयोजन स्थानीय सांस्कृतिक संस्था मयूर कला केंद्र, रेडियो मयूर व फ्रेमज़ोमेनिया प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले किया गया.
महोत्सव के दो दिनों में 8 देशों की कुल 40 फ़िल्में प्रदर्शित की गईं. जिनमें 35 प्रतियोगिता के लिए व 5 स्पेशल स्क्रीनिंग्स के लिए रखी गईं थी.
यह पहला ऐसा मौका था जब बिहार के किसी छोटे से शहर में एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह का आयोजन किया गया था. समारोह के दौरान कई सत्र भी आयोजित किये गए.
समारोह में मुख्य अतिथि व ब्रांड एम्बेसडर मशहूर सिने अभिनेता अखिलेन्द्र मिश्रा थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि युवा ही सिनेमा और कला के भविष्य हैं. समाज में जो मानसिक विकास की कमी है वो सिर्फ सिनेमा से दूर किया जा सकता है और छपरा से ये पहल बेहद ज़रूरी थी. हमारा सपना यहाँ पूरा हुआ है जो मैं वर्षों से देख रहा था.
फेस्टिवल डायरेक्टर अभिषेक अरुण ने कहा कि ये आयोजन मेरे लिए एक सपना था और आज ये पूरा हो रहा है. हम लोग बाहर जाते थे दूसरे फ़िल्म समारोह में तो सोचते थे कि काश हमारे यहाँ भी ऐसा कार्यक्रम होता. तीन साल से प्लानिंग चल रही थी और आज ये सफलता पूर्वक हो गया.
ईस्राइल से आये हुए निर्देशक एरिक मोरान और नावेल ने कहा कि ये अपने आप मे एक शानदार और अनूठा फेस्टिवल है जो कि छपरा में हुआ है. बिहार में हम पहली बार आये हैं और हमें यहाँ बहुत अच्छा लग रहा है. सिनेमा ही एक माध्यम है जो दूरियों को घटा कर एक दूसरे की सस्कृति से रूबरू करवाता है.
महोत्सव के दौरान पुरस्कार वितरण हुआ जिसमें निम्नलिखित केटेगरी में अवार्ड्स दिए गए.
बेस्ट शार्ट फिक्शन इंटरनेशनल – द ओपेक(सिंगापुर)
बेस्ट शार्ट फिक्शन नेशनल – कुक्ली(ओड़िशा),तरंग (मुंबई)
बेस्ट डॉक्यूमेंट्री इंटरनेशनल- एजुकेशन ऑन बोट(बांग्लादेश)
बेस्ट डॉक्यूमेंट्री नेशनल – इन थंडर लाइटनिंग एंड रेन (कोच्ची)
बेस्ट डॉक्युमेन्ट्री नेशनल -झरिया ( झारखण्ड)
स्पेशल ज्यूरी अवार्ड – बघवा (छत्तीसगढ़)
सिफ्फ़ बोर्ड अवार्ड – अरोरा बोरिएलिस (कोलकाता)
सारण जिला मुख्यालय छपरा में पहली बार आयोजित यह कार्यक्रम निश्चित ही भविष्य की राह दिखा गया. साथ ही ऐसे आयोजन को अपने शहर में कराने वाले आयोजकों को भी नई ऊर्जा दे गया. सारण के लोगों अपने आप में खास और अनन्य इस महोत्सव का भरपूर आनंद लिया.
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