Chhapra: सारण ज़िलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सभी एसडीपीओ को निर्देश दिया है कि वैसे ऑगनबाड़ी भवन जो निर्मित हैं परन्तु उसके नाम पर केन्द्र निजी भवन में संचालित किया जा रहा है उसे जुलाई माह में हर हाल में सरकारी भवन में स्थानांतरित किया जाय.
जुलाई माह से ऐसे निजी भवनों का किराया नहीं देना है. अगर किसी सीडीपीओ के द्वारा निजी भवन के किराया का भुगतान किया गया .जिसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्र बन चुके हैं तो उस स्थिति में दिया गया किराया उस सीडीपीओ के वेतन से वसूल किया जाएगा.
जिलाधिकारी के द्वारा सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि तेरहवे वित्त आयोग से प्राप्त राशि से निर्मित एवं जिला परिषद के द्वारा निर्मित आंगनबाड़ी केन्दों की खोज की जाय तथा उन्हें मरम्मत कराकर उसमें केन्द्र चलाया जाय.
जिले में 976 केन्द्र उस योजना से बने थे. जिसमें 598 का ही अभिलेख प्राप्त है. जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकर्ताओं को दस दिन का समय देकर अधूरे आंगनबाड़ी केन्द्रों को पूर्ण कराया जाय नही तो प्राथमिकी दर्ज कराते हुए उन पर सर्टिफिकेट केस किया जाय ताकि राशि की वसूली उनके वेतन या पेशन से की जा सके.
जिलाधिकारी के द्वारा 97 आंगनबाड़ी केन्द्रों के उन्नयन के लिए एक-एक लाख की राशि प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दी गयी थी. जिसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र की माँग की गयी. जिलाधिकारी ने कहा जिला में 80 आंगनबाड़ी केन्द्र मनरेगा के द्वारा बनाये जा रहे है. इसके अतिरिक्त 100 और केन्द्र बनाये जाएँगे सभी केन्द्र 15 अगस्त के पूर्व पूर्ण करा लेने का निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिया गया.