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सफाई में नाले से निकल रहा बालू, साहब बता रहे है चूहों की करामात

Chhapra: शहर में बरसात से पहले नगर निगम के द्वारा नालों की सफाई का काम शुरू किया गया है. सफाई के लिए थाना चौक से डाकबंगला रोड के बीच फुटपाथ के किनारे बने नालों के ढक्कन खोले गए तो नाले में बालू और मिटटी भरे मिले. सफाई कर्मी भी हैरान है कि इतना बालू और मिटटी नाले में आया कहा से. क्या यह बालू निर्माण के पहले ही नाले में छोड़ दिया गया था या इसकी कोई और वजह है.

वही दूसरी और शहरी विकास अभिकरण डूडा ने नाले से बालू निकलने का आश्चर्यजनक कारण बताया है. डूडा के कार्यपालक अभियंता एसएस तिवारी ने बताया कि नाले के बगल में फुटपाथ बनाया गया है जिसमें बालू भरी गयी है. बड़े-बड़े चूहे नालों में छेद कर दे रहे हैं जिस कारण फुटपाथ के नीचे का बालू नालों में जमा हो जा रहा है. पिछले साल भी नाले में हुए गड्ढों को रिपेयर किया गया था लेकिन फिर उसे चूहों ने छेद कर खोल दिया. इस बार बेहतर तरीके से रिपेयरिंग करायी जायेगी.

अभियंता के बयान से यह सवाल उठाना जायज है कि क्या नाला के निर्माण के समय इन बातों का ध्यान नही रखा गया था जिसके कारण अब नाला जाम हो जा रहा है और बार-बार नाले के स्लैब को तोड़कर इसमें जमा हो रहे बालू को निकालना पड़ रहा है. इससे सरकारी पैसे की बर्बादी भी हो रही है. कही ऐसा तो नहीं कि नाले की ढलाई में अनियमितता बरती गयी है जिसके कारण सीमेंट रड और बालू के स्ट्रक्चर में चूहे भी छेद कर दे रहे हैं.

डूडा के द्वारा नाला निर्माण में कई अनियमिततायें बरती गयी हैं. नाला के ऊपर स्लैब भी लगाया लेकिन जलनिकासी के लिये कोई रास्ता बनाया ही नही. जिस कारण नगर निगम को सफाई के लिये हर साल स्लैब और इस पर लगे स्टोन फिटिंग को तोड़ना पड़ता है. वर्तमान में नगर निगम के द्वारा सफाई का काम कराया जा रहा है जिसमे कई जगहों पर नाले में बालू भरे रहने की जानकारी सामने आयी.

शहर के थाना चौक से दरोगा राय चौक के बीच बने इन नालों का निर्माण मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2015 में 14 लाख 36 हज़ार 9 सौ रूपए की लागत से कराया गया था. नाला के ऊपर स्टोन फिटिंग का कार्य किया गया था. तय समय सीमा के बाद भी काफी दिनों तक इसका निर्माण नहीं होना उस वक्त चर्चा का विषय भी रहा था. इसी बीच मई 2016 में सूबे के मुख्यमंत्री का छपरा आगमन हुआ. मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व डूडा ने आनन-फानन में अधूरे पड़े निर्माण को पूरा किया था. जल्दबाजी में कराये गये इस निर्माण में काफी लापरवाही बरती जिसका खामियाजा आज भुगतना पड़ रहा है.

फूटपाथ के बालू के नाले में जाने से फूटपाथ के भी धसने की आशंका व्यक्त की जा रही है. इस फूटपाथ से रोजाना सैकड़ों लोग आते जाते है.

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