रसूलपुर: जिले के रसूलपुर थाना क्षेत्र के अतरसन गाँव में शनिवार को अहले सुबह दो पक्षों के बीच हुई मारपीट के मामले में पहुँचे थानाध्यक्ष चरणजीत दास को ग्रामीणों ने घंटो तक बंधक बनाए रखा. इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन के बिरूद्ध नारेबाजी की तथा थानाध्यक्ष पर कई संगीन आरोप लगाए. ग्रामीणो का कहना था कि जातीय दुर्भावना से ग्रसित थानाध्यक्ष के बहकाने पर जीतेन्द्र राम व उनके सहयोगियों ने मारपीट की है.
घटना की सूचना पर मौके पर पहुँचे एसडीएम, एसडीपीओ मुनेश्वर प्रसाद सिंह,इंस्पेक्टर मंजू सिंह,बीडीओ कुंदन कुमार समेत कई थानों की पुलिस के लाख समझाने के बाद भी ग्रामीण एसपी को मौके पर बुलाने व थानाध्यक्ष को तत्काल सस्पेंड करने की माँग पर अडिग थे,
परंतु एसडीपीओ ने सुझबुझ का परिचय देते हुए ग्रामीणो के आक्रोश पर अंकुश पाया तथा निर्वाचन पदाधिकारी व एसपी को थानाध्यक्ष के खिलाफ आवेदन देने और उसपर कानूनी कार्रवाई करने के आश्वासन के बाद ग्रामीणो का गुस्सा ठंडा हुआ और छ: घंटे के बाद थानाध्यक्ष को मुक्त किया.
रिटायर दारोगा व दो महिला समेत आधा दर्जन घायल
घटना के संबंध में बताया जाता है कि एक पक्ष के कन्हैया चौबे व रिटायर दारोगा रामेश्वर चौबे अहले सुबह साढ़े पाँच बजे शौच के बहाने खेत घूमने गये थे, तभी गाँव के हीं कुछ लोग बगीचे में लगे चापाकल चोरी की नीयत से खोल रहे थे जो रसूलपुर थानाध्यक्ष के स्वजातीय व करीबी बताए जाते हैं ने बिरोध करने पर लाठी डंडा से मारपीट कर घायल कर दिया.जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गये, इस संबंध में कन्हैया चौबे ने कुल दस लोगों को आरोपित किया है. तो वहीं दुसरे पक्ष के जीतेन्द्र राम का कहना था कि सुबह खेतों में काम करने व चारा काटने गयी महिलाओं को भगाने को लेकर मारपीट हुआ है, जिसमें जीतेन्द्र राम, रामबाबू राम, कुसुम कुँअर और मीरा देवी घायल हो गयीं, सभी घायलों का ईलाज सीएचसी एकमा में किया गया.वहीं रामेश्वर चौबे व कन्हैया चौबे को डाक्टरों ने बेहतर ईलाज के लिए छपरा सदर रेफर कर दिया.