Chhapra: कोरोना वायरस से जारी Lockdown में ईद की खुशियां भी समां गयी. पहली बार जहाँ लोगों ने इस बार घर मे ईद की नमाज़ पढ़ी वही एक दूसरे को गले मिलकर बधाई देने की हसरत भी इसबार अधूरी रह गयी. ख़ैर 30 दिनों तक रोजा रखने के बाद घरों में ईद की नमाज़ पढ़ी गयी और अल्लाह से इस महामारी से पूरी क़ायनात को बचाने की दुआ मांगी गई.
मुस्लिम समुदाय के लिए रमज़ान का महीना ईबादत का होता है 30 दिनों तक रोज़ा रखने के बाद चांद का दीदार कर ईद मनाई जाती है. लेकिन इसबार ईद घरों तक ही सीमित हो गयी.
उधर जिले के कई Qurantine सेंटर पर रह रहे मुस्लिम अप्रवासियों द्वारा केंद्र पर ही ईद मनाई गई. देश के विभिन्न कोने से अपने घर लौटे अप्रवासियों ने सेंटर पर ही अपनी जिद मनाई. केंद्रों पर रह रहे अप्रवासियों की ईद को घरवालों ने बेहतर बनाया. कई केंद्रों पर घरवालों ने अपने परिवार के सदस्य के लिए सेवई और अन्य लजीज पकवान को उपलब्ध कराया. जिससे कि वह भी ईद मना सकें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए खाने का समान दिया, दूर से ईद की मुबारक़ बाद दी और घर चले गये.
शायद यह पहला मौक़ा ही होगा जब लोगों ने एक दूसरे को गले लगाए बिना ईद की मुबारक़ बाद दी हो. Lockdown में पूरे माह-ए-रमज़ान में मस्जिदों में नमाज़ अदा नही हो पाई. सरकार और प्रशासन के निर्देशों का लोगों ने एकजुटता के साथ बखूबी पालन किया.