इसुआपुर में तुलसी जयंती में पंडित आलोक मिश्रा ने कहा-मनुष्य को अच्छा सोच रखना चाहिए

इसुआपुर में तुलसी जयंती में पंडित आलोक मिश्रा ने कहा-मनुष्य को अच्छा सोच रखना चाहिए

इसुआपुर में तुलसी जयंती में पंडित आलोक मिश्रा ने कहा-मनुष्य को अच्छा सोच रखना चाहिए

इसुआपुर: प्रखंड मुख्यालय स्थित इसुआपुर गांव के केएस प्लस टू विद्यालय के परिसर में हो रहे तुलसी जयंती के 50 वें सिल्वर जुबली वर्षगांठ पर आयोजित सत्संग, प्रवचन के चौथे दिन शनिवार की देर संध्या चित्रकूट धाम से पधारे संत पंडित आलोक मिश्रा ने अपने प्रवचन की माध्यम से कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अच्छा सोच रखना चाहिए। उन्होंने मानस मे दो पंछियों का उदाहरण देते हुए कहा कि रामचरितमानस में दो पंछी हुए एक माया का है तो दूसरा भगवान का बनाया हुआ है। माया का पंछी माता सीता को चोंच मार कर घायल कर देता है, तो दूसरी ओर वास्तविक पंछी जटायू माता सीता को विपत्ति से उबारने का कोशिश करता है।

उन्होंने कहा कि माया से बना पंछी देवराज इंद्र का पुत्र जयंत हैं जो कौवा का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मार कर विपत्ति में डाल देता है। वही भगवान का बनाया हुआ पंछी जटायु है जो माता सीता को विपत्ति से उबारने का कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि दोनों पंछियों की जाती, राशि एक ही है। लेकिन दोनों की सोच अलग-अलग है तथा दोनों की करनी भी अलग-अलग है।

वहीं उन्होंने प्रवचन के माध्यम से उपस्थित लोगों को बताने का कोशिश किया कि मनुष्य को हमेशा अच्छा सोच रखना चाहिए। यही रामचरितमानस, रामायण से मनुष्य को शिक्षा मिलती है। अध्यक्षता अमरनाथ प्रसाद तथा संचालन त्रिभुवन चतुर्वेदी ने किया है

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