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उमाशंकर के इंतजार में पथरायी परिजनों की आँखे

पानापुर: प्रखण्ड के बेलौर बाजार से सटे एक टूटे मकान के बाहर बैठी 80 वर्षीया विधवा नैना कुंवर की नैन उस हर राहगीर पर अटक जाती है जो उस रास्ते से गुजरते है. उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुकी नैना की आँखे अपने बुढ़ापे के सहारे के इंतजार में पथरा चुकी है. धुंधले आँखों में बस एक ही उम्मीद है कि कब मेरा लाल आये और मैं उसे ममता के आँचल में छिपा लूँ. कहने को तो नैना के पांच पुत्र है लेकिन उसमे दो मन्द बुद्धि के है जबकि दो अपनी गृहस्थी अलग जमा चुके है. सबसे छोटा उमाशंकर जो बुढ़ापे में नैना का सहारा था उसकी भी पिछले डेढ़ साल से कोई खबर नही है. आज नैना उस घड़ी को कोस रही है जब उसका छोटा पुत्र कमाने के लिए बाहर गया.

कौन है उमाशंकर?

बेलौर गांव निवासी स्व.शिववचन राय का सबसे छोटा पुत्र है 25 वर्षीय उमाशंकर. उमाशंकर गांव में ही रहकर मिठाई दुकान पर काम करता था एवं शादी विवाह में भाड़े पर खाना बनाता था. लग्न समाप्त होने के बाद आज से करीब डेढ़ वर्ष पहले वह गाँव के कुछ लोगों के साथ बाहर कमाने चला गया.

नैना कुंवर के अनुसार मेरा पुत्र नही जाना चाहता था लेकिन प्रलोभन में आकर वह चला गया. जाने के बाद कुछ माह तक गाँव के लोगों के मार्फत कपड़े एवं रूपये मिलते रहे लेकिन बाद में वह भी बन्द हो गया. बेटे की सही जानकारी नही मिलने पर नैना कुंवर ने नवम्बर 2016 में न्यायालय में परिवाद दर्ज करा गाँव के अच्छेलाल साह एवं उनके पुत्रो को आरोपित करते हुए कहा है कि वे लोग सम्पत्ति हड़पने के लिए मेरे पुत्र को गायब कर दिए है.

परिवाद दर्ज कराने के छः माह बाद भी कोई सार्थक पहल नही होने से उमाशंकर के परिजन सशंकित है. इस सम्बन्ध में केस के आईओ मोहनलाल पासवान ने बताया कि मामले का अनुसंधान जारी है.

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