Chhapra: हिजाब अरब के जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण चलन में आया परिधान है और इसका मजहब से कोई लेना- देना नहीं है. मजहब के नाम पर किसी देश विशेष की संस्कृति को किसी दूसरे देश पर थोपना गैर वाजिब है और भारत में भारतीय संस्कृति ही चलनी चाहिए न कि अरबी. ये बातें भाजपा नेता और किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने राष्ट्रीय नमो सेना द्वारा रिविलगंज में आयोजित शिक्षा, संस्कृति और हिजाब विषय के संवाद कार्यक्रम में कहा.
उन्होंने कहा कि आप जिस भूभाग पर पैदा लेते हैं वहीं की संस्कृति आपकी अपनी संस्कृति होती है न कि आपके धर्म के उद्गम स्थल की संस्कृति. यह एक सामान्य मानवीय सिद्धांत है. पूरे दुनिया में हर देश की अपनी अलग- अलग संस्कृतियां हैं और यही विविधता मानव सभ्यता का सौंदर्य है. इस्लाम मजहबी एकरूपता के नाम पर इस विविधता को समाप्त करना चाहता है जो मानव सभ्यता के लिए खतरनाक है.
इस प्रकरण का सबसे दुखद पहलू यह है कि अपने को लेफ्ट और लिबरल कहने वाले लोग औरतों पर होने वाले इस जुल्म का बचाव कर रहे हैं. अभी तक उत्तर भारत में ही ये तथाकथित सेक्युलरिस्ट अपने नेरेटिव बनाने में कामयाब थे लेकिन अब इनके कुत्सित चालों से दक्षिण भारत भी अछुता नहीं रहा. ऐसी पिछड़ी विचारधारा जिसमें औरत को काले लबादे से ओढ़ाये रखा जाये, का समर्थन कर इनके चेहरे से खुद ही बुर्का हट गया है.
संवाद कार्यक्रम को जय प्रकाश विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रजनीकांत सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय नमो सेना के जिलाध्यक्ष कुंदन सोनी ने किया. इस अवसर पर रवि भूषण मिश्रा, राकेश सिंह, दिवाकर सिंह, जीतेश कुमार आदि उपस्थित थे.