राज्य में भी लागू की जाय पुरानी पेंशन योजना, मुख्यमंत्री से जिलाध्यक्ष ने किया आह्वान

राज्य में भी लागू की जाय पुरानी पेंशन योजना, मुख्यमंत्री से जिलाध्यक्ष ने किया आह्वान

राज्य में भी लागू की जाय पुरानी पेंशन योजना, मुख्यमंत्री से जिलाध्यक्ष ने किया आह्वान

इसुआपुर: प्रखण्ड के खोभारी साह उच्च विद्यालय के प्रांगण में परिवर्तनकारी शिक्षक संघ की प्रखंड इकाई द्वारा नवनियुक्त शिक्षक सम्मान समारोह सह शिक्षक समस्या निवारण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि देश मे समान शिक्षा प्रणाली समय की मांग है. गरीब, अमीर सभी के बच्चें एक साथ पढें, हर स्कूल में बैठने के लिए बेंच, पढ़ने के लिए किताब और पढ़ाने के लिए छात्र के अनुपात में शिक्षक हो तभी प्रखण्ड, जिला और सूबे के विकास होगा. राज्य और देश के विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. साथ ही साथ शिक्षा का दान करने वाले शिक्षकों की समस्याओं को भी समाप्त करना होगा. सरकार का दायित्व बनता है कि वह अपने कर्मियों को बेहतर सुविधा, वेतन देने का काम करे. लेकिन राज्य की सरकार सिर्फ घोषणा तक सीमित है.

उन्होंने सरकार की नीति पर कड़ा विरोध जारी करते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गयी है. कुछ राज्यों में कर्मियों को इस पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभान्वित करने के लिए योजना का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार इस मामले में चर्चा से भी भाग रही है. इसके लिए जरूरत है एक मजबूत आवाज की, एक मजबूत आंदोलन की. इतिहास गवाह है कि बिना आंदोलन सूबे के नियोजित शिक्षकों को कुछ नही मिला है, वेतन से लेकर अन्य सुविधाएं मिलना आंदोलन की देन है. एक सरकारी कर्मी आने जीवन के 60 वर्ष तक काम करता है लेकिन सेवा निवृति के बाद उसके हाथ खाली है. वही एक जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद शपथ लेता है तो उसकी जीवन भर के पेंशन की शुरुआत हो जाती है. कर्मियों के पेंशन के नाम और सरकारी राजस्व समाप्त हो जाता है लेकिन जनप्रतिनिधियों के लिए पेंशन के लिए सरकारी राजस्व समाप्त नही होता है. एक जनप्रतिनिधि 4 पदों पर विजयी होते जाता है और चारो पैड के लिए पेंशन लेता है यह कहा कि न्याय है.

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पुरानी पेंशन योजना लागू करने का आह्वान किया जिससे कि नियोजित शिक्षकों के भी बाल बच्चें का जीवन बेहतर बन सकें.

श्री सिंह ने निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि सरकार नियोजन नीति को लाकर भविष्य को बर्बाद कर रही है. जिससे आने वाले युवकों का भविष्य अंधकारमय होगा.

उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि शिक्षक अपनी एकजुटता का परिचय दे. आने वाले दिनों में सदन में प्रतिनिधित्व करने वाला उनका एक प्रतिनिधि हो इसके लिए वह अभी से लग जाये. जिससे कि सरकार से अपनी मांगों को रखा जाए. श्री सिंह ने सभी नवनियुक्त शिक्षकों से आग्रह किया कि किसी के बहकावे में नही आकर आपने कर्तव्यों का पालन करें. सेवा-पुस्तिका, वेतन, बकाया वेतन, किसी तरह की समस्या के निवारण के लिए बिचौलिए के चक्कर मे ना पड़े, सीधे मुझे फोन करें.पदाधिकारियों से मिलकर सभी का कार्य करवाया जाएगा.

वही मढौरा अध्यक्ष सूर्यकांत सिंह, तरैया अध्यक्ष रंजीत सिंह, लहलादपुर अध्यक्ष अनुज राय, मांझी अध्यक्ष हवलदार मांझी, पंकज प्रकाश सिंह, राजू सिंह, सुनील सिंह, बनियापुर के इंद्रजीत महतो, जिला महासचिव संजय यादव, ओमप्रकाश गुप्ता ने भी सभा को संबोधित किया.

इस अवसर पर प्रखंड के नवनियुक्त शिक्षकों को सम्मानित करते हुए बच्चों में बेहतर शिक्षा दान का आह्वान भी किया गया. कार्यक्रम संचालन मो एहसान, अध्यक्ष अशोक यादव और धन्यवाद ज्ञापन जितेंद्र राम ने किया. मौके पर प्रखंड के सैकड़ों शिक्षक मौजूद थे.

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