अब सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण और नसबंदी के बाद लाभार्थियों को घर तक पहुंचाने के लिए मिलेगी नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा

अब सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण और नसबंदी के बाद लाभार्थियों को घर तक पहुंचाने के लिए मिलेगी नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा

अब सरकारी अस्पतालों में बंध्याकरण और नसबंदी के बाद लाभार्थियों को घर तक पहुंचाने के लिए मिलेगी नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा
• 102 एंबुलेंस के माध्यम से मरीजों को घर तक पहुंचायी जायेगी
• पहले से भी प्रसव के बाद मिलती थी एंबुलेंस की सुविधाए
• स्वास्थ्य विभाग के पहल से लाभार्थियों के लिए आर्थिक स्थिति नहीं बनेगी बाधा
छपरा। स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और जनोपयोगी बनाने की दिशा में लगातार सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को भी नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करायी जाएगी। अब स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के हित में एक और पहल की है। अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में महिला बंध्याकरण या पुरूष नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को घर तक पहुंचाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधाएं मुहैया करायी जायेगी।इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के विशेष कार्य पदाधिकारी सह प्रभारी रेफरल ट्रांसपोर्ट प्रिय रंजन राजू ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
मरीजों के घर वापसी के लिए दी जायेगी सुविधा:
यह व्यवस्था पहले से ही अन्य चिकित्सा सेवाओं जैसे कि प्रसव के बाद महिलाओं, नवजात शिशुओं और गंभीर मरीजों के लिए की जा रही है। अब इसी व्यवस्था के अंतर्गत बंध्याकरण ऑपरेशन और पुरुष नसबंदी के बाद मरीजों के घर वापसी के लिए भी यह सेवा दी जाएगी। सभी सिविल सर्जन और जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को यह निर्देश दिया गया है कि नसबंदी के बाद सभी मरीज को घर भेजने के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा का निशुल्क उपयोग सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य परिवार नियोजन कार्यक्रम को और प्रभावी बनाना तथा लाभार्थियों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है। अब बंध्याकरण/नसबंदी के बाद मरीजों और उनके परिजनों को परिवहन की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। परिवार नियोजन कार्यक्रम को और सशक्त किया जा सके तथा किसी लाभार्थी की आर्थिक स्थिति बाधा ना बने।
सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि परिवार नियोजन के दो साधन हैं। पहला स्थायी और दूसरा अस्थायी। स्थायी साधन में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सुविधा पीएचसी स्तर से लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है, जबकि अस्थायी साधन के रूप में छाया, माला-एन, अंतरा, कॉपर-टी व कंडोम की सुविधा उपलब्ध है। इस सुविधा की स्वास्थ्य उप केंद्र स्तर पर भी पर व्यवस्था की गयी है। जहां योग्य और इच्छुक लाभार्थी जाकर सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सभी इच्छुक लाभार्थी परिवार नियोजन संबंधी जानकारी के लिए सभी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते है। यह पहल ना केवल जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में प्रभावी साबित होगी, बल्कि मरीज-केंद्रित सेवाओं को भी मजबूती प्रदान करेगी।
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