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पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा कोचिंग डिपो ने विकसित किया उपकरण, कम समय में हो सकेगा अनुरक्षण कार्य

Chhapra: रेल संरक्षा के मद्देनजर पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा कोचिंग डिपो में एक अत्यन्त उपयोगी उपकरण विकसित किया गया है. जिसमें एल.एच.बी. (लिंक हाफमैन वुश) कोचों के सेंटर वफर कपलर (सी.बी.सी.) की ऊॅचाई को एडजस्ट करके नीचे लगे सपोर्टिंग डिवाइस का आकस्मिक अनुरक्षण वाशिंग पिट एवं यार्ड में कम समय में मात्र दो कर्मचारियों द्वारा सुरक्षित रूप से तथा बड़ी आसानी से किया जा सकता है.

पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक ललित चन्द्र त्रिवेदी ने कोचिंग डिपों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संरक्षा के प्रति अभिरूचि एवं तकनीकी ज्ञान से प्रभावित होकर प्रोत्साहन स्वरूप रू. 10,000 के सामूहिक पुरस्कार की घोषणा की है.

ज्ञातव्य है कि पूर्व में एल.एच.बी.कोच के सी.वी.सी. के नीचे लगे सर्पोंटिग डिवाइस के अनुरक्षण हेतु 6 से 7 कर्मचारियों की आवश्यकता होती थी तथा इस कार्य में अधिक समय भी लगता था. कोचिंग डिपो द्वारा बनाये गये इस नवीन उपकरण से सी.बी.सी. का हाइट एडजस्टमेंट बड़ी आसानी से एवं सुरक्षित ढ़ंग से करके नीचे लगे सर्पोटिंग डिवाइस को निकालकर अपेक्षित अनुरक्षण के उपरान्त उसे पुनः लगा दिया जाता है. अब इस कार्य में नये उपकरण के प्रयोग से मात्र दो कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है तथा बहुत ही कम समय में सुरक्षित ढ़ंग से अनुरक्षण कार्य सम्पन्न हो जाता है.

वस्तुतः पूर्वोत्तर रेलवे का प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी संरक्षित एवं निर्बाध रेल संचलन के लिये प्रतिबद्ध है तथा उसे अपने स्तर से प्रणाली को मजबूती प्रदान करने का प्रयास करता है. कोचिंग डिपो, छपरा के कोचिंग डिपो अधिकारी हरिशंकर कुमार के निर्देशन में कन्हैया लाल गुप्ता, वरिष्ठ खंड इंजीनियर/सी. एण्ड डब्लू. ज्ञानी राम, मास्टर क्राफ्ट मैन/सी.एण्ड डब्लू., गोपाल शर्मा, तकनीशियन-।/सी.एण्ड डब्लू. तथा मोहन, वेल्डर/सी.एण्ड डब्लू. द्वारा विकसित यह उपकरण रेलकर्मियों की कार्य के प्रति सजगता एवं समर्पण का एक अप्रतिम एवं जीवन्त उदाहरण है.

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