Chhapra: अल्पसंख्यक समुदाय विशेषतः नारी शिक्षा को बढावा देने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकारें विशेष योजना चला रही हैं. उन्हें विभिन्न हुनर में पारंगत कर स्वावलंबी व सशक्त बनाने की दिशा में भी विशेष पहल की जा रही है. उक्त बातें जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी उपेन्द्र कुमार यादव ने दारुल उलूम नईमिया के तत्वावधान में नवनिर्मित बालिकाओं के शिक्षण सह प्रशिक्षण केंद्र दारुल बनात के उद्घाटन समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि के रूप में बोलते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारा आधा अंग काम नहीं करे तो हम अपंग की श्रेणी में होंगे. महिला हमारे समाज की आधा भाग हैं. इसलिए समाज और व्यक्ति के पूर्णरूपेण क्रियाशील व विकसित होने के लिए नारी का शिक्षित होना अनिवार्य है. उन्होंने दारुल बनात को सार्थक पहल बताते हुए विभाग व प्रशासन के स्तर पर हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया.
सभा में उपस्थित विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने कहा कि एक लड़के के पढ़ने से केवल एक व्यक्ति पढ़ता है मगर एक लड़की के पढ़ने से एक परिवार और पूरी नस्ल पढ़ जाती है. उन्होंने नईमिया के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि छपरा को इसकी आवश्यकता थी जिसे पूरा किया गया है.
सभा की अध्यक्षता करते हुए मौलाना हाजी नेसार अहमद मिसबाही ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर पहली कुरान की आयत पढ़ने की नाजिल हुई और उन्होंने सबसे अधिक शिक्षा पर जोर दिया. उनके जन्म वाले माह में शैक्षणिक केंद्र खोलना उनके हुक्म को सार्थक करना है. पूर्व में मौलाना अरशद रिजवी ने विधिवत उद्घाटन किया.
मौके पर मौलाना सैयद ताबिश इमाम, मौलाना अब्दुल सत्तार, मौलाना हामिद रजा, मौलाना मुर्शिद, मौलाना आरिफ रजा, नाजिम आला राहतुन नईम, जिलानी मोबीन, अजमेरी नईम, मो वजीर, फजलुर्रहमान, सागर नौशेरवां, मुन्ना मिस्त्री, हाजी वजीर अहमद मौलाना सोहैल, मौलाना आमिर आदि उपस्थित थे.