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महाराजगंज-मशरक रेलखंड का रेल राज्य मंत्री ने किया उद्घाटन

Chhapra/Maharajganj: पूर्वोत्तर रेलवे के महाराजगंज-मशरक रेलखंड का उद्घाटन रेल राज्य मंत्री सह संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने महाराजगंज स्टेशन से किया. साथ ही 36.2 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड पर पहली यात्री गाड़ी को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया.

समारोह को सम्बोधित करते हुये रेल राज्य मंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय उत्तरप्रदेश एवं बिहार की लम्बित रेल परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देकर कार्य को पूरा कर रहा है. इसी कड़ी में 36.2 किमी. लम्बी महाराजगंज-मशरख नई बड़ी लाइन का निर्माण लगभग रू. 412 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है. इस लाइन के निर्माण हो जाने से महाराजगंज से मशरख की दूरी लगभग 70 किमी. कम हो गई है, क्योंकि अभी तक महाराजगंज से मशरख जाने के लिये छपरा अथवा थावे होकर जाना पड़ता था, जिससे 106 किमी. की दूरी तय करनी पड़ती थी, जो अब घटकर मात्र 36.2 किमी. रह जायेगी.

सीवान-छपरा जिलों के सुदूरवर्ती पिछड़े क्षेत्रों के विकास को मिलेगी गति
इस लाइन के बन जाने से सीवान-छपरा जिलों के सुदूरवर्ती पिछड़े क्षेत्रों के विकास को गति मिलेगी. इस नई रेल लाइन के बन जाने से महाराजगंज एवं मशरख एक दूसरे से रेल सेवा से जुड़ गये हैं, जिससे इस क्षेत्र की जनता को आवागमन हेतु एक वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध हो गई है.

महाराजगंज एवं बसन्तपुर हाॅल्ट स्टेशनों को अतिरिक्त लागत से बनेगा क्राॅसिंग स्टेशन
श्री सिन्हा ने इस खण्ड पर यात्री गाड़ियों का संचलन प्रारम्भ होने पर क्षेत्रीय जनता को बधाई दी. उन्होनें कहा कि इस रेल खण्ड पर स्थित महाराजगंज एवं बसन्तपुर हाॅल्ट स्टेशनों को रू. 7-7 करोड़ की अतिरिक्त लागत से क्राॅसिंग स्टेशन बनाने की मंजूरी दी गई है और इस कार्य हेतु निविदायें आमंत्रित की जा रही हैं. हमारा प्रयास है कि भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुये भारतीय रेल की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जाय, जिसके अन्तर्गत बड़े पैमाने पर आमान परिवर्तन, दोहरीकरण, नई रेल लाइन, विद्युतीकरण एवं कारखानों की स्थापना में यह कार्य तीव्र गति से हो रहा है.

छपरा से इलाहाबाद तक दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें से औड़िहार से वाराणसी सिटी तक दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है.

बिहार में रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान
रेल राज्य मंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय द्वारा बिहार में रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. बिहार में रेलों के विकास हेतु वर्ष 2009 – 2014 तक के रू. 1133 करोड़ की तुलना में वर्ष 2014 – 2019 तक रू. 2983 करोड़ का आवंटन किया गया, जो कि 163 प्रतिशत अधिक है. बिहार में 2014 से अब तक 151 किमी. नई रेल लाइन का निर्माण, 163 किमी. आमान परिवर्तन, 478 किमी. रेल लाइनों का विद्युतीकरण करने के साथ ही 15 सड़क उपरिगामी पुलों का निर्माण पूरा किया गया तथा यात्री सुविधा हेतु 36 नई ट्रेनों का संचलन पूरा किया गया. यात्रियों की बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुये रेल प्रशासन द्वारा अधिक से अधिक गाड़ियों का संचलन करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि सभी यात्रियों का सुगमतापूर्वक अपने गन्तव्य पर पहुँचाया जा सके.

गाड़ियों एवं स्टेशनों पर साफ-सफाई प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है. विकास कार्यों के लिये रेल मंत्रालय द्वारा पर्याप्त धन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि इस क्षेत्र के सभी पुरानी रेल परियोजनाओं को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जा सके.

रेल पहिया कारखाना, बेला में पहिया उत्पादन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है और शीघ्र ही डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री, मढ़ौरा में डीजल इंजन का निर्माण प्रारम्भ हो जायेगा.

समारोह को सम्बोधित करते हुये महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने नई रेल लाइन के निर्माण एवं इस खण्ड पर सवारी गाड़ियों के संचलन प्रारम्भ करने हेतु रेल राज्य मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया.

इस अवसर पर बिहार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, विधायक हेम नरायण साह, विधान पार्षद वीरेन्द्र नारायन यादव, केदार नाथ पाण्डेय, सच्चिदानन्द राय, विधायिका दुरौंधा कविता सिंह एवं सदस्य विधान परिषद टुन्ना जी पाण्डेय ने समारोह को सम्बोधित किया.

अतिथियों का स्वागत करते हुये अपर महाप्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे श्री एस.एल. वर्मा ने कहा कि भारतीय रेल पर आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिये आधारभूत संरचना के मजबूतीकरण का कार्य तीव्र गति से हो रहा है. इसी कड़ी में महाराजगंज-मशरख नई रेल लाइन का निर्माण कराया गया है.

22 अक्टूबर, 2018 से गाड़ी संख्या 55171 – 55172 दुरौंधा-महाराजगंज-मशरख सवारी गाड़ी का नियमित संचलन शुरू हो जायेगा.

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