Chhapra: पिछले 30 सालों से मोहर्रम के अवसर पर ताजिया का निर्माण किया जा रहा है. इस ताजिया को बनाने में 20 से 25 दिन लगता है. जो की गांव के ही कारीगर पिछले 30 सालो से बनाते आ रहे है.
इस ताजिया में पूरा इलेक्ट्रॉनिक सजावट किया जाता है. सबमें खास बात की इस ताजिया को लोग अपने कंधे पे उठा कर लगभग 5 किलो मीटर तक कर्बला ले जाया करते है.
इस ताजिया को बनाने में कुल खर्च लगभग 1 लाख 50 हज़ार रुपया होता है.
इस ताजिया को बनाने में पूरा गांव सहयोग करता है. इस ताजिया को बनाने वाले कारीगर हफीजुल्ला खान, सफीउल्लाह खान, शेख सीकेन्द्र, नैलेज खान, शेख आशिक, आमिर खान, शेख साहेब, मोनाफ खान, शेख सौकत, शेख जमाल है.
वहीं इस ताजिया को बनाने मदद जैदुल्लाह खान, अलिउल्लाह खान, सरफ़राज़ हुसैन, मुन्ना शेख, शेख मानिहादर, जाबिर खान, शेख छोटे, शेख कबीर करते है.