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मकर संक्रांति: जानिए पुण्यकाल

Chhapra (Dharm Desk): माघ कृष्ण पंचमी बुधवार 15 जनवरी काे मकर संक्रांति पर 10 घंटे पुण्यकाल का संयाेग है. नए साल की शुरुअात भी बुधवार से हुई थी थी अाैर संक्रांति भी बुधवार काे है. बुधवार के अधिपति देव बुध हैं. बुध के अाधिपत्य में अाने वाले शिक्षा, सेना, श्रम, कला, शिल्प, साहित्य अाैर कृषि से जुड़े लाेगाें काे सफलता मिलेगी. मकर संक्रांति का संयाेग बनने से साैम्यायन संक्रांति का पुण्य काल सुबह 8.24 से 6.42 बजे तक रहेगा. अाठ घंटे में उत्तरायण हाे रहे सूर्य की पूजा, नदियाें में स्नान, देव दर्शन व दान-पुण्य से विशिष्ट फल मिलेगा.

ज्याेतिषाचार्याें के अनुसार मकर संक्रांति का वाहन खर, उप वाहन मेढ़क हाेने से सीमा पार युद्ध की स्थिति बन सकती है. इस बार एक संयाेग यह भी बन रहा है कि संक्रांति की अवस्था तरुण हाेने से युवाअाें में उत्साह रहेगा अाैर उन्हें राेजगार के नए अवसर मिलेंगे.

इस बार संक्रांति का राशियों पर असर

मेष: ज्ञान में बढ़ाेतरी,
वृषभ: लाभ के साथ घर में कलह भी,
मिथुन: शुभ फल की प्राप्ति, कर्क: सुख संताेष,
सिंह: धन लाभ,
कन्या: शारीरिक कष्ट,
तुला: व्यापार में लाभ,
वृश्चिक: इस्ट सिद्धि व संताेष, धनु: सम्मान प्राप्ति,
मकर: तनाव, यात्रा,
कुंभ: धन लाभ व सुख
मीन: असंताेष.

आचार्य हरेराम शास्त्री के अनुसार मकर संक्रांति के दिन काे तिला संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण हाे जाते हैं अाैर देवताअाें का प्रात:काल भी अारंभ हाेता है. सत्यव्रत भीष्म ने भी बाणाें की शैय्या पर रहकर मृत्यु के लिए मकर संक्रांति की प्रतीक्षा की थी. मान्यता है कि उत्तरायण सूर्य में मृत्यु हाेने के बाद माेक्ष की प्राप्ति सुगम हाेती है. इसी दिन से प्रयाग में कल्पवास का भी अारंभ हाेता है. शास्त्राें में माता गायत्री की उपासना के लिए इससे बढ़कर अाैर काेई समय नहीं बताया गया है. तिल, गुड़ व वस्त्र दान से ग्रहाें का दुष्प्रभाव कम इस बार संक्रांति के हाथ में केतकी का फूल रहेगा. पुष्प दर्शाता है शिव अाराधना से लाभ हाेगा.

राजनीतिक हलचल तेजी हाेगी. तिल, गुड़ व वस्त्र दान से अनिष्ट ग्रहाें का दुष्प्रभाव कम हाेगा. 2019 में भी 15 जनवरी काे मकर संक्रांति थी. 2020 में भी 15 जनवरी काे मकर संक्रांति मनेगी. 2016 में संक्रांति 15 काे मनाई गई थी. संक्रांति माघ कृष्ण पक्ष की पंचमी पर सिंह में चंद्र, कुंभ लग्न व पूर्वा फाल्गुनी व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मनेगी. 2021 में 14 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति आचार्य हरेराम शास्त्री की माने तो अगले साल यानि 2021 में 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनायी जायेगी. इस संवत में अधिकमास होने की वजह एवं खगोलीय ज्योतिष कालचक्र के कारण 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनेगी.

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