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शहादत दिवस पर ‘बापू’ की नहीं आई किसी को याद!

पानापुर: प्रखंड मुख्यालय स्थित पानापुर बाजार मे स्थित महात्मां गांधी के आदमकद प्रतिमा की उनके शहादत पर किसी को याद नही आई.  शहादत के दिन भी महात्मा गांधी की प्रतिमा एक अदद फुल के लिये तरसते रही. 

बता दे कि पानापुर थाना व बीआरसी भवन के प्रांगन में वर्षो पूर्व से महात्मा गांधी का आदमकद प्रतिमा स्थापित की गयी थी. जो सरकारी उपेक्षा का शिकार है. बताया जाता है कि 1934 मे बिहार मे आये प्रलयकारी भूकंप के दौरान हुई जान माल की क्षति के बाद भूकंप पीड़ितों से मिलने के लिये महात्मा गांधी व उनकी पत्नी कस्तुरबा गांधी सारण जिले मे आये थे. इसी क्रम मे दोनों पानापुर मे आकर रात्रि विश्राम किये इसी याद मे स्थानीय ग्रामीणो ने यहा गांधी प्रतिमा की स्थापना की. जो आज जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियो उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.

उपेक्षा का आलम यह रहा कि महात्मा गांधी के शहादत पर भी प्रखंड का कोई जनप्रतिनिधि पदाधिकारी या सामाजिक कार्यकर्ता ने उनकी प्रतिमा पर एक फूल तक चढाना मुनासिब नही समझा. जबकि बगल में ही शिक्षा विभाग का कार्यालय व थाना मौजूद है. वही पानापुर प्रखंड व अंचल सहित अन्य कार्यालयों में जाने का रास्ता प्रतिमा के बगल से ही गुजरा हुआ है. लेकिन कार्यालयों में बैठ दिन रात सत्य अहिंसा की बात करने वाले पदाधिकारियों को जरा सी भी संवेदना जागृत नही हुई कि वे शहादत पर दो पुष्प तक अर्पित कर सके.

26 जनवरी को प्रखंड प्रमुख पुष्पा देवी द्वारा झंडोत्तोलन के समय चढाये गये फूल ही प्रतिमा के पास नजर आ रहे थे. स्थानीय लोगो ने भी बताया कि सुबह से शाम तक किसी भी व्यक्ति ने यहाँ आकर फुल नही चढाया.

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