जननायक का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक: डॉ कमाल अहमद

जननायक का जीवन सादगी और ईमानदारी का प्रतीक: डॉ कमाल अहमद

Chhapra: जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ कमाल अहमद ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कर्पूरी जी समाजवादी राजनीति के एक ऐसे सितारे थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग के उत्थान और कल्याण के लिए कार्य किया। वे दलित, शोषित और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन प्रयत्नशील रहे। बिहार के विकास को गति देने और आवाम की सुख-समृद्धि के लिए ही उनका जीवन समर्पित रहा। सियासी जीवन में उन्होंने ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिकता के नए मानक स्थापित किए।

डॉ अहमद ने कहा कि बिहार के शिक्षा जगत में भी उन्होंने महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने गरीब और दलित वर्गों के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की पहल की, ताकि सभी को शिक्षा का समान अवसर मिल सके। अपने सेवाकाल में अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म कर शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाया। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की फीस माफ, मैट्रिक तक निःशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था, उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा, नौकरियों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान, सभी विभागों में हिंदी में कार्य करने की अनिवार्यता, युवाओं को रोजगार देने की पहल, साहित्य, कला और संस्कृति में गहरी दिलचस्पी आदि कतिपय ऐसे विषय हैं, जिनका श्रेय कर्पूरी को जाता है।

डॉ कमाल अहमद ने कहा कि भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर के आदर्श और विचार हमें प्रेरित करते हैं कि हम न्याय, समानता और ईमानदारी को स्थापित करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहें। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि निष्पक्ष नेतृत्व और निःस्वार्थ सेवा भाव से समाज में सकारात्मक हस्तक्षेप किया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों और संकल्पनाओं में भी कर्पूरी ठाकुर के आदर्श और विचार समाहित हैं।

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