इसुआपुर: महावीरी झंडा मेला शांतिपूर्वक संपन्न, फूहड़ गीतों पर अर्धनग्न नर्तकियों ने रातभर परोसी अश्लीलता

इसुआपुर: महावीरी झंडा मेला शांतिपूर्वक संपन्न, फूहड़ गीतों पर अर्धनग्न नर्तकियों ने रातभर परोसी अश्लीलता

इसुआपुर: महावीरी झंडा मेला शांतिपूर्वक संपन्न, फूहड़ गीतों पर अर्धनग्न नर्तकियों ने रातभर परोसी अश्लीलता

इसुआपुर: भादो मास के अमावस्या की रात इसुआपुर बाजार में 5 स्टेजों पर हनुमान चालीसा के साथ महावीरी झंडा मेले की शुरुआत हुई. मेले में इसुआपुर, अचीतपुर, पुरसौली, आतानगर और विशुनपुरा गांव के बने मंच का उद्घाटन स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों और लाइसेंस धारियों ने किया. पगड़ी की रस्म के साथ अतिथियों के सम्मान के साथ झंडा मेला प्रारंभ हुआ. प्रखण्ड के विभिन्न गांवों से महावीरी झंडा आखाड़ा के साथ पहुंचा. जहां हाथी, घोड़ा गाजे बाजे के साथ जुलूस पहुंचा.

मेले में हर वर्ग के लोगों के लिए दुकानें सजी थी. कोरोना काल के दो वर्ष बाद लगे इस महावीरी झंडा मेले को लेकर लोगों में भरपूर उत्साह था. मुख्य बाजार क्षेत्र में बच्चों के लिए झूले लगे थे जहां बच्चों ने इसका लुफ्त उठाया. नाव, लिफिटिंग, बाइक, कार और स्काई व्हील पर बच्चों ने जमकर मस्ती की. वही महिलाओं ने भी मेले में जमकर खरीददारी की. बच्चों के खिलौने और दैनिक जरूरत के दर्जनों दुकानें सजी थी. इसके अलावे जलेबी, चाट, फुचका, आइस्क्रीम, चौमिंग और दर्जनों मीट चावल की दुकानें लगी थी. पूरी रात चले इस मेले में खाने पीने के सामानों की खूब बिक्री हुई.

उद्घाटन के बाद स्टेजों पर हनुमान चालीसा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. गीत संगीत में मेले में घूम रहे लोगों ने गोते लगाए. रात के बढ़ने के साथ ही मंचों पर भोजपुरी गीत बजने लगे. जिसके बाद फुहड़ता के साथ नर्तकियों का अर्धनग्न डांस शुरू हुआ. आधी रात के बाद यह धीरे धीरे यह मेला अश्लीलता की हदों को पार करने लगा. भोजपुरी के फूहड़ और द्विअर्थी गीत पूरी रात मेला घूमने वाले लोगों के लिए अश्लीलता पड़ोसी गई. वही सुरक्षा और विधि व्यवस्था में लगे पदाधिकारी और पुलिसकर्मी भी मूकदर्शक बने रहे.

मेले में विधि व्यस्था को लेकर मढ़ौरा एसडीओ एवं एसडीपीओ द्वारा बाजार में बने कंट्रोल रूम में कैंप किया जा रहा था. वही मशरख, भेल्दी, छपरा, मढ़ौरा, अमनौर सहित कई आसपास के थानों की पुलिस और पदाधिकारी लगातार मेला क्षेत्र में अपनी ड्यूटी बजा रहे थे. पूरी रात मेले में हर वर्ग के लोगों की धमा चौकड़ी मची रही जिसमे महिलाएं भी शामिल थी. शनिवार की अहले सुबह तक सभी मंचों पर ऑर्केस्ट्रा प्रारंभ था. लोगों ने दो वर्षो बाद लगे इस मेले का भरपूर आनंद उठाया.

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