छपरा: सारण के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हालत अभी भी गंभीर बने हुए हैं. जिले के सोनपुर, दिघवारा, गरखा, रिविलगंज तथा सदर प्रखंड के दर्जनों पंचायत के लोग अभी भी दहशत में जी रहे हैं. बाढ़ के पानी और चिलचिलाती धूप के बीच पीड़ित परिवार कष्टदायक जीवन गुजार रहे हैं. बाढ़ की भयावहता का आलम यह कि अब लोगों की पीड़ा आक्रोश में बदल रही है. मंगलवार के दिन जिले के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने राहत सामग्री के वितरण में हो रही देरी के चलते जमकर बवाल काटा. लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा उचित राहत व्यवस्था नहीं प्रदान की जा रही है साथ ही फ़ूड पैकेट के वितरण में भी पीड़ित परिवारों की अनदेखी की जा रही है.
सदर प्रखंड के मेथवलिया गाँव में बाढ़ में फंसे सैकड़ो लोगों ने प्रशासन द्वारा राहत सामग्री नहीं मिलने को लेकर छपरा-सिवान मुख्यमार्ग को जाम कर दिया. आक्रोशित लोगों का कहना था कि इलाके के लोग 5 दिनों से बाढ़ के बीच संघर्ष कर रहे हैं पर जिला प्रशासन के तरफ से राहत के नाम पर कुछ भी नहीं बांटा गया. छपरा शहर के रूपगंज और बीनटोली में बाढ़ प्रभावित लगभग 40 परिवार भूख और दहशत के बीच जीवन यापन कर रहे हैं. इस बस्ती के रंजीत कुमार ने बताया कि उनका घर बाढ़ में पूरी तरह डूब चूका है. उनके साथ तक़रीबन 10 परिवारों के लोग सड़कों पर डेरा डाले हुए हैं. इस बस्ती में अभी तक प्रशासनिक राहत नहीं पंहुच सका है जिससे प्रभावित लोग तंगहाल हैं. छोटे बच्चों का भूख के मारे रो-रो कर बुरा हाल है. घर में जो भी अनाज था वो बाढ़ के साथ बह कर चला गया. इन लोगों को प्रशासन से एक अदद मदद की उम्मीद है.
हालाँकि जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के मदद के लिए हर संभव कोशिश में लगा हुआ है, पर बाढ़ की भयावहता इतनी है कि प्रशासनिक तैयारियां इसके सामने फीकी पड़ रही हैं. सोमवार को जिलाधिकारी दीपक आनंद और पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार राज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था जिससे से लोगों में सहायता की आस जगी थी पर ज्यादातर लोगों का मानना है कि प्रशासन धरातल पर लोगों के बीच राहत पंहुचाने में नाकाम साबित हुआ है. जिला आपदा प्रबंधन विभाग लगातार फ़ूड पैकेजिंग में लगा है. हजारों पैकेट भोजन तैयार कर पीड़ितों तक पहुँचाया जा रहा है. फ़ूड पैकेजिंग वितरण के सम्बन्ध में सदर सीओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में लगातार पीड़ितों तक राहत पहुंचाने का काम हो रहा है. लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा पूरी ताकत झोंकी जा रही है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है. लोगों का मानना है कि अगर समय से पूर्व ही प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारी कर ली होती शायद स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती. बहरहाल जिले के लोग बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं. पीड़ितों को उम्मीद है की जल्द ही नदी का जल स्तर घटेगा और जनजीवन फिर से सामान्य होगा पर फिलहाल बाढ़ के हालात से सारण में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है.