Manjhi: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के आदेश के बाद शुक्रवार को बिहार तथा यूपी को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला एन एच 19 पर बना जयप्रभा सेतु के सम्पर्क सड़क की मरम्मत की गयी. जिलाधिकारी ने इस सम्पर्क पथ को तीन दिन के भीतर ठीक करने का निर्देश दिया है. जिसके बाद संपर्क सड़क पर बने गड्ढो को कुछ जगहों पर ईट पत्थर से भरकर मरम्मत किया गया.इस दौरान एनएच के कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार और सहायक अभियंता प्रमोद कुमार भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि तेज बरसात की वजह से तीन दिनों के भीतर सेतु के दोनों मुहानों के एप्रोच मार्ग का एक तिहाई हिस्सा ध्वस्त हो गया था. जिसके बाद मांझी में पड़ने वाले हिस्से की मरम्मती जिलाधिकारी के आदेश पर शुरू कर दी गयी.
अगर इसे समय रहते पूरी तरह से मरम्मत नहीं किया गया तो कुछ दिनों में इस सेतु पर आवागमन ठप होने की आशंका बन सकती है.
सन 2000 में शुरू हुआ था पुल
सम्पूर्ण क्रांति के महानायक जेपी के सपनो का सेतु पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के अथक प्रयास से वर्ष दो हजार में चालू हुआ. इससे पहले वर्ष 1987 में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री बीर बहादुर सिंह ने 1160 मीटर लंबे उक्त सेतु का शिलान्यास किया था. तब सेतु के निर्माण का लागत खर्च 26 करोड़ आंका गया था.
जबकि वर्ष 1979 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री चंद राम में शिलान्यास के क्रम में सेतु निर्माण का लागत खर्च साढ़े ग्यारह करोड़ बताया था. हालांकि बनते बनते सेतु का लागत खर्च लगभग चालीस करोड़ हो गया. जयप्रभा सेतु देश का इकलौता सड़क पुल है. जिसके उद्घाटन की औपचारिकता आज तक पूरी नही हुई.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल अब ज्यादा दिनों का मेहमान नही है. अब तो फोरलेन के लिए प्रस्तावित नये पुल का निर्माण तथा उद्घाटन होगा. उक्त सेतु से प्रतिदिन सैकड़ों छोटे बड़े वाहनों का परिचालन होता है पर किसी बड़े नेता अथवा पदाधिकारी की नजर इसकी बदहाली की तरफ नही जाती सरयू नदी पर बना यह सेतु आजकल शराब तस्करी तथा आत्महत्या व दुर्घटना जोन के रूप में खास तौर पर चर्चित है.