Chhapra: महाराणा प्रताप की 421वीं पुण्यतिथि मनाई गई. इस अवसर पर महाराणा प्रताप के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि महाराणा प्रताप राष्ट्र के प्रतीक है और उनका जीवन भारत की पहचान है. वे राष्ट्र, समाज के लिए त्याग और बलिदान के पर्याय है. महाराणा प्रताप का जीवन दर्शन भारतीय युवाओं में भारत की सुरक्षा और संरक्षा का संकल्प पैदा करने का माद्दा रखता है.
पुण्यतिथि समारोह अध्यक्षता कर रहे डॉ हरिमोहन कुमार पिंटू ने कहा कि भारत के नवजवानों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, श्रीकृष्ण से लेकर महाराणा प्रताप और शिवाजी के जीवन चरित्र को शिक्षा के पाठ्यक्रमों में स्थान देने की महति जरूरत है. जब भी राष्ट्र पर संकट होगा, राष्ट्र खतरें में होगा, स्वधर्म एवं देश का स्वाभिमान खतरे में होगा उस समय महाराणा प्रताप का त्याग बलिदान अमरज्योति का कार्य करेगी.
कार्यक्रम को शिक्षक पंकज पांडे आदि ने संबोधित किया. संचालन विशाल सिंह ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन परमजीत कुमार ने किया.
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