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छपरा: नगर निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर सफाईकर्मियों ने मरे हुए कुत्ते हो लटकाया, जानें वजह

छपरा: अपनी मांगों को निगम द्वारा पूरा कराने के उद्देश्य से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये नगर निगम के सफाई कर्मियों ने हड़ताल कब तीसरे दिन तो सारी हदें पार कर दी. कानून को ताक पर रखते हुए सफाई कर्मियों ने सबसे पहले शहर के मुख्य सड़कों पर कूड़ा-कचरा फैला दिया. इस दौरान आक्रोशित सफाईकर्मियों ने जिलाधिकारी आवास के बाहर सड़क पर भी गंदगी फैलाई. साथ मे जमकर नारेबाजी भी की. इससे से भी बौखलाए सफाईकर्मियों का मन नही भरा तो वे पूजा पांडालों के समीप कचरा फैलाने लगे. इस दौरन हड़तालियों ने नगरपालिका चौक पर बन रहे पूजा पंडाल के समीप कचरे का ढेर फैला दिया.

नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर मृत कुत्ते को लटकाया

मांगे नहीं पूरी होने पर नगर निगम में प्रदर्शन कर रहे दैनिक सफाईकर्मियों में से कुछ लोगों ने अमानवीय हरकत करते हुए एक मृत कुत्ते को निगम भवन के पहली मंजिल पर स्थित नगर आयुक्त अजय सिन्हा के कार्यालय के दरवाजे से सटाकर रस्सी से बांध दिया. जिसके बाद उसकी दुर्गंध बाहर तक आने लगी. 

जिसके बाद अन्य सरकारी कार्यालयों में भी इसकी चर्चा होने लगी. इस दौरान दैनिक सफाई कर्मियों ने नगर निगम परिसर में जमकर बवाल काटा. मांग पूरी नहीं होने से गुस्साए कर्मियों ने निगम परिसर में भी बाहर से लाकर कूड़ा पसार दिया. इस दौरान निगम की सीढ़ियों व अन्य जगहों पर पूरा कचरा फैला दिया गया. इसके अलावें तीसरे दिन में निगम में कोई कार्य नहीं हो सका और निगम कार्यालय में ताला लटका रहा.

दोषियों पर होगी कार्रवाई: सदर एसडीओ, चेतनारायण राय
मृत कुत्ते को सरकारी अधिकारी के कार्यालय के बाहर लटकाने की सूचना मिलने पर सदर एसडीओ ने कहा कि अगर नगर आयुक्त अजय सिन्हा शिकायत करते हैं तो दोषियों पर कार्यवाई की जाएगी. साथ ही मांगो को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी मांगे अपनी जगह है. वो नगर निगम का आंतरिक मामला है लेकिन हड़ताल के दौरान इस तरह की हरकरत करना सही नहीं है.

आखिर क्यों हो रहा है इतना बवाल
नगर निगम के दैनिक सफाई कर्मी अपनी विभिन्न मंगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का आह्वाहन किया था. इस दौरान उन्होंने छपरा नगर निगम से मानदेय बढ़ाने, बकाये वेतन का भुगतान करने, सफाईकर्मियों के लिए ड्रेस, सफाई के लिए उपकरण, 7 वां वेतन लागू करना, अनुकम्पा पर बहाली शुरू करना, पेंशन नीति बदलाव की मांग की है. इन मंगों को पूरा करने के लिए निगम को 6 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था. जिसे पूरा करने में निगम नाकामयाब रहा. उसके बाद से 10 अक्टूबर से ये कर्मी बिहार लोकल बॉडीज के क्षेत्रीय मंत्री सियाराम सिंह के आह्वाहन पर हड़ताल पर चले गए है. इस दौरान शहर में सफाई व्यवस्था भी चौपट हो गयी है. आज हड़ताल का तीसरा दिन था. जिसके बाद सफाईकर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया.

दैनिक सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाना नगर निगम अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. एक तरफ जहां पर्व त्योहार का मौसम चल रहा और शहर में सफाई नहीं हो रही. वहीं दूसरी तरफ सफाई कर्मी शहर में गंदगी फैलाने पर तुले हुए हैं. त्योहार में घर आने वाले लोग शहर की सूरत देखकर हैरान हैं. शहर में बढ़ी गंदगी से लोग भी परेशान हो गए हैं.

निगम के अधिकारियों का कहना है कि कुछ मंगों को बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. लेकिन कुछ मांगे ऐसी हैं जो सिर्फ विभाग से ही पूरी कराई जा सकती हैं. आखिर देखने वाली बात यह है कि त्योहारों में शहर के कबतक सफाई व्यवस्था ठप रहती है.

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