Site icon | छपरा टुडे डॉट कॉम | #ChhapraToday.com

कचड़ा फेंक कर नगर परिषद् ने इस सड़क को कर दिया गुमनाम

संतोष कुमार बंटी
छपरा: नगर परिषद् जिसे हम सभी साफ़ सफाई के लिए ही जानते है. शहर की साफ सफाई की व्यवस्था इन्ही के हाथों में होती है मुमकिन है कि यह अपने कामों को बखूबी पूरा भी करते है. लेकिन नगर परिषद् के कार्यो को देखकर हम सभी हतप्रभ हैं. परिषद् के कर्मचारी साफ़ सफाई का काम तो करते है लेकिन उससे कही ज्यादा यह शहर को गन्दा कर रहे हैं.
विभाग और उसके वरीय पदाधिकारी सिर्फ अपनी ड्यूटी बजाते है और कर्मचारी उनकी आँखों में धूल झोकने का काम कर रहे हैं. शहर में सफाई के बाद उठने वाले कचड़े को शहर में ही फेक फेक कर नगर परिषद् ने दरोगा राय चौक से पुराने चिराईघर जाने वाली सडक को गुमनामी के अंधेरो में धकेल दिया है. सड़क के दोनों ओर मंडल कारा की खाली जमीन देखी और शुरू कर दिया कचड़ा फेकनें का काम. उसके बाद पुरे शहर का कचड़ा वही फेंका जाने लगा.

आज आलम यह है कि इस सड़क पर कचड़ा पहाड़ की तरह दिखता है और इस पहाड़ में दरोगा राय चौक से पुराने चिराईघर सड़क गुमनाम हो चुकी है. कल तक जिस सडक का इस्तेमाल जिले के लोग जंक्शन जाने के लिए करते थे. सुविधा और कम समय के कारण इस सड़क पर रिक्शा और ऑटो वाले की लाइन लगी रहती थी आज उस सड़क पर नगर परिषद् की कारगुजारियों के चलते पैदल चलना भी दूभर हो गया हैं. हल्की बारिश में यह सड़क दलदल बन जाती हैं. गलती से इस सडक से कोई राहगीर गुजर जाये तो कचड़ो से निकलने वाले दुर्गन्ध से वह बेहोश हो जाता है. इस सड़क की बची कुची कसर रेलवे ने अपने सामानों की रखकर पूरी कर दी है.

सड़क की स्थिति को लेकर स्थानीय लोग बताते है कि यह सड़क छपरा जंक्शन जाने के लिए आसान और शोर्टकट रास्ता था कम समय में लोग स्टेसन जाकर ट्रेन को पकड़ते थे.लेकिन कचड़ा फेके जाने के बाद से इस सडक से अब कोई भूल कर भी नही जाता. वही कुछ लोगों ने बताया की दोनों तरफ की खाली जमीन मंडल कारा छपरा की है. जहाँ पहले बंदियों से खेती का काम लिया जाता था. उसके बाद चिराइघर बना. लेकिन जब से पोस्टमार्टम का काम अस्पताल के पास चला गया उसके बाद से यहाँ कचड़ा फेका जाने लगा. कई बार वरीय पदाधिकारियों को पत्राचार भी किया गया लेकिन फायदा कुछ नही मिला. आज इस सड़क से कोई जाता नही हैं.

Exit mobile version