लोक आस्था के महापर्व के तीसरे दिन जिले के विभिन्न छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया। बड़ी संख्या में छठव्रती नदी के घाट, नहर सहित विभिन्न पोखरों और तालाबों में बने घाट पर भगवान भास्कर की पूजा अर्चना करने के बाद बहते पानी की धारा में खड़े होकर छठी मैया की पूजा अर्चना की।
प्रकृति को समर्पित प्राकृतिक चीजों के साथ मनाई जाने वाली लोक आस्था के इस महापर्व छठ में श्रद्धालुओं ने फल और पूजन सामग्री से सजे सूप में अर्घ्य प्रदान किया। छठ को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। घाट सहित ट्रैफिक कंट्रोल करने में पुलिस के अधिकारी और बल मुस्तैदी से लगे रहे। घाट पर साफ सफाई और रोशनी के व्यापक इंतजाम किए गए। पूरा घाट छठ के गीतों से गुंजायमान रहा।
विभिन्न घाटों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित की गई थी। जहां श्रद्धालुओं ने माथा टेक पूजा अर्चना की।
छठ के डाला के साथ दोपहर बाद से ही श्रद्धालु घाट की ओर माथे पर लेकर या फिर ठेला गाड़ी से जाते दिखे।जिला प्रशासन की ओर से घाट से पहले ही वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। जहां तैनात दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी बलों के साथ वाहनों को पार्किंग स्थल पर लगाने की जुगत में लगे रहे।घाट पर सांसद और विधायक समेत त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधि घूम घूमकर छठव्रतियों से आशीर्वाद लेते दिखे। घाट पर निगरानी के लिए वॉच टावर का निर्माण किया गया था तो महिला छठव्रतियों के वस्त्र बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था की गई थी।