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सूर्य उपासना के लिए तैयार है नरांव का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर

Chhapra (Santosh kumar Banty): भारत भूमि सनातन धर्मावलंबियो व धार्मिक स्थलों का गढ़ है.ऋषि मुनियों की इस धरती पर धार्मिक केन्द्र व धार्मिक पर्यटन स्थल है जो विदेशी सैलानियों को भी मंत्र मुग्ध कर देता है.

बिहार के सारण जिले में कोठिया- नरांव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी इन्हीं धार्मिक स्थलों में से एक है.

गड़खा प्रखंड के अवतारनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत छपरा-पटना मुख्य सडक मार्ग पर स्थित यह पौराणिक मंदिर जिले का एकमात्र ऐतिहासिक सूर्य मंदिर है.

जिला मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर स्थित यह सूर्य मंदिर प्रकृति की अनुपम छटा बटोरे हुए है. चारों तरफ से तालाब और उसमे भगवान सूर्य का यह मंदिर महापर्व छठ के दौरान विशेष रूप से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है. जानकर बताते है कि पहले यह एक छोटा रामजानकी का मंदिर हुआ करता था.

यहां सप्तऋषियों के योग का केन्द था.जिससे इसका जुड़ाव अयोध्या, रांची, फतेहा, जलंधर आदि केंद्रों से रहा है.

यह स्थल 20 वी सदी के उत्तरार्द्ध मे वास्तविक रूप से फलना फूलना शुरू हुआ. श्रीश्री1008 श्री राम दास जी महाराज के आगमन के पश्चात सूर्य कुण्ड का उद्धार व सूर्य मंदिर का निर्माण कराया गया.

निर्मन के पश्चात आयोजित नौ कुण्डीय यज्ञ में देश के कोने-कोने से संत महात्मा व नागाओ का आगमन हुआ.

तब से दिनो दिन यहां की रौनकता बढती गई और वर्त्तमान समय मे यह एक स्थल पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित होने के कागार पर है.

सूर्य उपासना के महापर्व छठ में यहाँ मेला लगता है. छठ पर्व में अर्घ्य देने के लिए जिले के शहरी क्षेत्र से लेकर मदनपुर, नराव, धनौडा, कोठिया,
चैनपुरवा, मुसेपुर, मौजमपुर, डुमरी, सप्तापुर, गोपालपुर सहित दर्जनो गांवो से छठव्रती सूर्य उपासना के लिए जुटते है.

महापर्व में आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए यहां रात्रि विश्राम हेतु धर्मशाला भी बना है.

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