नवजात शिशुओं के जन्म के 42 दिनों के अंदर 7 बार गृह भ्रमण करती है आशा कार्यकर्ता

नवजात शिशुओं के जन्म के 42 दिनों के अंदर 7 बार गृह भ्रमण करती है आशा कार्यकर्ता

नवजात शिशुओं के जन्म के 42 दिनों के अंदर 7 बार गृह भ्रमण करती है आशा कार्यकर्ता
• माता को पोषण और छह माह तक स्तनपान के प्रति किया जा रहा है जागरूक
• जिले में मनाया जा रहा है पोषण पखवाड़ा
• पोषण पखवाड़ा के तहत समुदाय स्तर पर आयोजित की जा रही है विभिन्न गतिविधियां
Chhapra: जिले में स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस के संयुक्त प्रयास से पोषण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 8 से 23 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा मनाया जायेगा। जिसका उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार और कुपोषण को दूर करना है। इस दौरान विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम के तहत आशा द्वारा प्रत्येक नवजात के जन्म के 42 दिनों के अंदर 6/7 गृह भ्रमण सुनिश्चित किया जा रहा है। कार्यक्रम अंतर्गत अपने संबंधित क्षेत्र के सभी नवजात के घरों का भ्रमण कर धात्री माता को पोषण एवं शिशु को 6 माह तक स्तनपान कराने की सलाह देना सुनिश्चित किया जा रहा है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत के द्वारा पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
बच्चों का गृह आधारित देखभाल कार्यक्रम:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम अंतर्गत आशा द्वारा शिशु के जन्म के तीसरा, छठा, नौवां, 12वां, 15वां माह पूर्ण होने पर गृह भ्रमण कर बाल्यकाल में होने वाली बीमारियों (जैसे – निमोनिया, डायरिया इत्यादी) एवं कुपोषण से बचाव एवं प्रबंधन हेतु उपयुक्त शारीरिक, मानसिक विकास सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता व्यवहारों को बढ़ावा देने संबंधित परामर्श दिया जाए। 6 माह तक केवल स्तनपान, 6+ माह से सम्पूरक आहार तथा कम से कम 2 वर्ष तक नियमित स्तनपान जारी रखना, आयरन एवं फोलिक एसिड सिरप का अनुपूरण, समुर्द्धीकृत आहार का उपयोग संबंधित परामर्श भी दिया जाना है। आशा द्वारा अपने क्षेत्र के तीन माह से 15 माह तक के सभी बच्चों का HBYC भ्रमण सुनिश्चित किया जाए। भ्रमण के दौरान पाये गये कुपोषित बच्चों को स्वास्थ्य संस्थान पर जाँच सुनिश्चित किया जाए।
बच्चों में स्तनपान को बढ़ावा देना:
जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम प्रबंधक अरविन्द कुमार ने बताया कि माँ कार्यक्रम अंतर्गत समुदाय स्तर पर आशा द्वारा अपने क्षेत्र के सभी गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के साथ बैठक कर शीघ्र स्तनपान की शुरुआत, 06 माह तक पूर्ण स्तनपान एवं 6 माह पूर्ण होने पर आहार के साथ-साथ कम से कम 02 वर्ष तक स्तनपान के संबंध में संबंधित परामर्श दिया जा रहा है। जिले स्तर पर माता सम्मेलन का आयोजन कर स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर माँ को स्तनपान से संबंधित सलाह देना सुनिश्चित किया जायेगा।
जीवन के प्रथम 1000 दिनों में समुचित पोषण संबंधित परामर्श:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि गर्भवती माता का समय पर पंजीकरण, प्रसव पूर्व जाँच एवं पोषण संबंधित परामर्श, शत प्रतिशत गर्भवती महिला का आरोग्य दिवस एवं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दौरान हिमोग्लोबिन एवं पोषण स्तर की जाँच, उचित परामर्श एवं प्रथम तिमाही के बाद आयरन एवं कैल्शियम समपूरक सुनिश्चित किया जा रहा है।
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