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सारण AISF ने क्रांतिकारी खुदीराम बोस को शहादत दिवस पर किया नमन

Chhapra: ऑल इन्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेशन (AISF) की सारण जिला इकाई ने देश के वीर शहीद क्रांतिकारी खुदीराम बोस की शहादत दिवस पर उनके तैल-चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजीव कुमार ने किया. सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ सारण जिला सचिव राहुल कुमार यादव ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम का इतिहास क्रांतिकारियों के सैकड़ों साहसिक कारनामों से भरा पड़ा है. क्रांतिकारियों की सूची में ऐसा ही एक नाम है खुदीराम बोस का, जो मात्र 18 साल की उम्र में ही देश के लिए फांसी पर चढ़ गए. देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि उन्होंने 9वीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और स्वदेशी आंदोलन में कूद पड़े. 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में चलाए गए आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया.

उन्होंने कहा कि उनका बचपन बस बीता ही था, उनके साथी जब पढ़ाई और परीक्षा के बारे में सोच रहे थे, वह क्रांति की मशाल रौशन कर रहे थे, खुदीराम के बगावती तेवरों से घबराई अंग्रेज सरकार ने मात्र 18 वर्ष की आयु उन्हें फांसी पर लटका दिया. लेकिन उनकी शहादत ऐसा कमाल कर गई कि देश में स्वतंत्रता संग्राम के शोले भड़क उठे.

वहीं राज्य परिषद् सदस्य विनय कुमार गिरि ने कहा कि जिस उम्र में लोग जिंदगी के हसीन ख्वाब बुनते हैं, वह वतन पर निसार होने का जज्बा लिए हाथ में गीता लेकर फांसी के फंदे की तरफ बढ़ गए और देश की आजादी के रास्ते में अपनी शहादत का दीप जलाया. यह थे अमर शहीद खुदीराम बोस. खुदीराम के बगावती तेवरों से घबराई अंग्रेज सरकार ने उन्हें फांसी पर जरूर लटका दिया. लेकिन उनकी शहादत ऐसा कमाल कर गई कि देश में स्वतंत्रता संग्राम के शोले भड़क उठे.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभिलाषा मिश्रा ,बिट्टू कुमार, मुकेश कुमार यादव, अनरजीत कुमार गांगुली, गुड्डू कुमार, बबन बैठा, सोनू कुमार ठाकुर, रामा शंकर प्रसाद, विकास कुमार शहीद दर्जनों लोग मौजूद थे.

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