45 वर्षो बाद घर में बेटी ने जन्म लिया, गाजे बाजे और पालकी में बिठाकर बेटी को घर ले गए लोग
Chhapra: जिले के एकमा प्रखंड में गाजे बाजे के साथ धूम धाम से पालकी में बैठाकर परिवार के लोगों ने अस्पताल से अपनी नवजात बेटी को घर ले जाने की कहानी चर्चा का विषय बन गई है. घरवालों के द्वारा बेटी के जन्म के पश्चात ऐसा कार्य सराहना का विषय बना हुआ है. वही परिवार में खुशी को कोई ठिकाना नहीं है आखिर हो भी क्यों नही क्योंकि परिवार में 45 वर्ष के लंबे इंतेजार के बाद बेटी ने जन्म लिया है. जिसके बाद से ही परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा तब से वह अपनी नवजात बेटी का हर दिन रोचक और नई जोश और उत्सव के साथ बिता रहे है.
एकमा के हंसराजपुर गोपाली टोले के रहने वाले किराना व्यवसायी के पुत्र धीरज गुप्ता की पुत्री का जन्म सावन की पहली सोमवारी पर हुआ. एक निजी क्लीनिक में धीरज की पत्नी ने परी जैसी बेटी को जन्म दिया तो परिवार में लगा जैसे महादेव का बड़ा आशीर्वाद मिल गया. वहां से 21 जुलाई को बिटिया रानी को घर लाने की तैयारी शुरू हुई.
घर में करीब 45 वर्षों बाद बेटी का जन्म हुआ है इसलिए इस लक्ष्मी का आगमन भी तो खास होना था.बच्ची के पिता ने सजी-धजी पालकी मंगवाई. अस्पताल में पालकी पहुंचा तो लोग चौंक गए. पालकी में माता-पिता अपनी बच्ची को लेकर बैठे तो लोग हैरान रह गए. सबने खुशी में तालियां बजाईं. जिस समय यह सब हो रहा था उस समय भी आसमान से फुहारें पड़ रही थी.
बताया जा रहा है कि धीरज गुप्ता चार भाई हैं. उनकी बहन नहीं हैं. चार भाई में पांच बेटे हैं. धीरज को तीन वर्ष का एक बेटा है. ऐसे में जब पुत्री का जन्म हुआ तो खुशी स्वाभाविक भी थी.
यह सब देख रहे लोगों का कहना था कि इस परिवार ने बड़ा खास संदेश दिया है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश इस परिवार ने दिया है. इसकी जितनी सराहना की जाए कम होगी.