आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में तीस हजार से अधिक BPL परिवारों को मिला गोल्डेन हेल्थ कार्ड

आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में तीस हजार से अधिक BPL परिवारों को मिला गोल्डेन हेल्थ कार्ड

  • 2.50 लाख लोगों को लाभान्वित करने का है लक्ष्य
  • मांझी प्रखंड में सबसे अधिक लोगों को मिला गोल्डन हेल्थ कार्ड

Chhapra: आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत सारण में तेजी से काम हो रहा है. सारण में अब तक इस योजना के तहत  30963 स्वास्थ्य गोल्डेन कार्ड बनाए गए हैं. वहीं पूरे जिले में अब तक 280 लोगों का मुफ्त इलाज कराया गया है. पहले की अपेक्षा मरीज अस्पताल में ज्यादा पहुंच रहे हैं. प्रति महीने 10 से 15 मरीजों का आयुष्मान भारत योजना के तहत  इलाज सदर अस्पताल में मुफ्त में कराया जा रहा है.

अस्पताल प्रबंधक जिला सदर अस्पताल राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ 23 सितंबर 2018 को सदर अस्पताल में हुआ था. आंकड़ों के अनुसार जिले में ढाई लाख बीपीएल कार्डधारक हैं. नौ महीनों में अभी तक 30963 लोगों को गोल्डेन कार्ड दिया गया है. जिसमें 280 मरीजों का इलाज किया गया है. शेष लोगों के दस्तावेजों की जाँच कर उन्हें शीघ्र ही गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराये जाएंगे. योजना के तहत कार्ड बनाने की जिम्मेवारी कार्यपालक सहायक पद पर कार्यरत आरोग्यमित्र की है. प्रखंडों में मांझी ब्लॉक में सबसे अधिक 3100 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए गए. जबकि ईलाज के मामले में सोनपुर से सबसे अधिक 44 लोगों का ईलाज हुआ.

गोल्डेन कार्ड बनवाने के लिए लाभुकों को चाहिए ये कागजात : गोल्डेन कार्ड बनाने के लिए बीपीएल राशन कार्ड एवं प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का पत्र जरूरी है. इसके बिना गोल्डन कार्ड यानी आयुष्मान भारत कार्ड नहीं बन सकता है. बीपीएल कार्ड धारक प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का पत्र ब्लॉक में कार्यरत आशा कार्यकर्ता से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं

इन कागजातों को भी लगाना जरूरी: इन दोनों कागजातों के अलावा लाभुकों को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बैंक पासबुक में से कोई एक दस्तावेज लगाना अनिवार्य है. तभी लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जा सकता है.

क्या है योजना:

वर्ष 2011 के सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित गरीब परिवारों को इस योजना का पात्र बनाया गया है. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभार्थी परिवार पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष  5 लाख रूपये तक कैशलेस ईलाज करा सकते हैं. योजना का लाभ उठाने के लिए उम्र की बाध्यता एवं परिवार के आकार को लेकर कोई बंदिश नहीं है. योजना को संचालित करने वाली नेशनल हेल्थ एजेंसी ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. इसके जरिये लाभार्थी यह जान सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में शामिल है या नहीं. लिस्ट में नाम जांचने के लिए mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर जानकारी ली जा सकती है. आयुष्मान भारत योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार प्रदान करती है.

आयुष्मान भारत के तहत कई रोगों मुफ्त में इलाज : आयुष्मान भारत योजना के तहत हड्डी, ऑर्थो, बर्न, नसबंदी, प्रसव, नवजात शिशु, इमरजेंसी रूम पैकेज, जानवर के काटने पर इलाज, शरीर के अंग के टूटने पर प्लास्टर, फूड प्वाइजनिंग, हाई फीवर का इस टीनएज, नवजात शिशु, जनरल सर्जरी, जनरल मेडिसिन आदि के मुफ़्त ईलाज का प्रावधान है. इलाज में सारण अभी अस्पतालों की श्रेणी में पूरे बिहार में पांचवे स्थान पर है.

प्रखंड  गोल्डन कार्ड

छपरा सदर 4200 गोल्डन कार्ड बने वही 135  का ईलाज हुआ, रिविलगंज में 1508 गोल्डन कार्ड बने  6  का ईलाज हुआ, सोनपुर में 2001 कार्ड बने जिसमें 44  का इलाज हुआ, मांझी में 3100 कार्ड बने जिसमें 2 का इलाज हुआ. मढौरा में 2150 कार्ड बने जिसमें 8 लोगों का इलाज हुआ.

 

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