कार्तिक पूर्णिमा पर रिविलगंज में स्नान का है विशेष महत्व, प्रतिवर्ष लगता है मेला

कार्तिक पूर्णिमा पर रिविलगंज में स्नान का है विशेष महत्व, प्रतिवर्ष लगता है मेला

Rivilganj: कार्तिक पूर्णिमा के दिन रिविलगंज के गंगा, सरयू नदी में स्नान का अलग ही महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि गौतम और श्रृंगी की भूमि पर प्रत्येक वर्ष मेला लगता है. दिन प्रतिदिन मेले की ख्याति जरूर बढ़ी है साथ ही साथ इससे जुड़े तथ्यों के आधार पर लोगो की भीड़ भी बढ़ी है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस मेले का स्वरूप नही बदला.

प्रतिवर्ष उद्घाटन के दौरान जिला प्रशासन और राजनीतिक वक्ताओं द्वारा विकास को लेकर लाख दावे किए जाते है लेकिन बावजूद इसके यह मेला अब सिमटता जा रहा है.

गोदना-सेमरिया मेलें में दिखती है सामाजिक सांस्कृतिक झलक 
यहाँ आने वाले लोग और सामाजिक सांस्कृतिक की झलक गोदना-सेमरिया मेलें में ही देखने को मिलती है. मोक्ष दायिनी गंगा एवं मानस नंदिनी सरयू नदी के पावन पवित्र संगम तट पर अवस्थित नगर पंचायत रिविलगंज का इतिहास काफी पुराना है. इस क्षेत्र का वर्णन धार्मिक ग्रंथो में विद्यमान है.

रिविलगंज मुगलकाल एवं ब्रिटिश काल में प्रमुख व्यवसायिक केंद्र के रूप में चर्चित था. गोदना सेमरिया के नाम से प्रसिद्ध इस मेले के संदर्भ में अनेकों दंत कथा एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार न्याय शास्त्र के प्रणेता महर्षि गौतम ऋषि की पत्नी आहिल्या का उद्धार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा जनकपुर जाने के क्रम में किया गया था. उसी दिन से यहाँ से जाने के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मेला लगता है.

स्थानीय बुजुर्ग बताते है कि यहां भगवान श्रीराम ने अपने चरण रज से आहिल्य्या का उद्धार किया था. जिसके कारण यहां की महत्ता आज भी बरकरार है. यह क्षेत्र हनुमान जी के ननिहाल से भी जाना जाता है. इसके अलावे भगवान श्री राम समेत तीनों भाईयो के अवतार से जुड़ी हुई है. राम चरित मानस में इसकी चर्चा है कि सरयू नदी के घाट पर ही वेदज्ञ महर्षि ऋषि राज श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेश्टियज्ञ कराया था इस को लेकर भी यह मेला लगता है.

जिसके कारण लाखो श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति हेतु पवित्र स्नान कर दान पुण्य एवं पूजा अर्चना करते है. कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पूर्व श्रद्धालु आकर यहाँ कल्पवास करते है तथा अगले दिन नदी में स्नान करते है.

जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत के सौजन्य से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम, शौचालय, रौशनी की व्यवस्था की जाती है. लेकिन धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार ना होने से इसके प्रति लोगो का आकर्षण कम है.

A valid URL was not provided.

kartik purnima, rivilganj, saran, mela,

File Photo

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें