Chhapra: केंद्र सरकार के द्वारा लायी गयी देश की नई शिक्षा नीति का भाजपा के जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने स्वागत एवं सहारना की है.
उन्होंने कहा कि नई नीति वास्तव में नये भारत की आवश्यकता और स्वभाविक उत्कर्ष को प्रतिबिम्बित करती है. इसमें भारत की मूल चेतना जन्मजात प्रतिभा और निष्णात तत्व के अधिकतम अनुप्रयोग की सुनिश्चतता दिखाई पड़ रही है. यह नीति उदारता के साथ ही भारतीय बहुलता का भी प्रतिनिधित्व करती है.
उन्होंने कहा कि यह नीति शालेय शिक्षा को मातृभाषा और प्रादेशिक भाषाओ में देने की बात करके बच्चों के दिमाग पर पड़ने बोझ को समाप्त की है. यह बच्चों के विकास में काफी सहायक होगी. यह नीति उच्च शिक्षा को व्यवहारिक बनाने पर भी जोड़ दे रही है. अलग अलग संकायों में बटी पालिशी की जगह पाठ्यक्रम से बाहर हर रुचिकर ज्ञान और कौशल को सीखना है शिक्षा का असली उद्देश्य होता है. नई शिक्षा नीति इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में बढ़ती दिख रही है.
उन्होंने कहा कि अब तक बीएससी या बीकाम करने वाला विद्यार्थी संगीतज्ञ या चित्रकार बनना चाहते थे तो उसे इसकी इजाजत उसका पाठ्यक्रम नहीं देती थी। कोई खेल में करियर बनाना चाहता है तो उसे अलग से बी पी एड की पढ़ाई करनी होती तब तक उस बेचारे खिलाड़ी की उम्र ही समाप्त हो जाती है. नई शिक्षा नीति में बहु विषयक पढ़ाई की बात करके इसे समाप्त कर दिया गया. जो विद्यार्थी 1 साल 2 साल पढ़ाई करके किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ देते हैं उसका समय और पैसा सब चला जाता था. नई शिक्षा नीति में इस पर ध्यान देते हुए डिप्लोम, सर्टिफिकेट और डिग्री में बाँटा है जो उसकी आजादी और अधिकार की बेहतरीन गारंटी देता है या नई नीति लर्निंग आउटपुट के संपूर्ण विकास की बात करती है. अर्ली चाइल्डहुड केयर एजुकेशन को सरकार शिक्षा के बुनियादी बदलाव को सशक्त बनाना चाहती छठी कक्षा से वोकेशनल स्किल को जोड़ने का प्रधान कौशल को सुनिश्चित करती है. उच्च शिक्षा को शोध एवं विकास उन्मुख बनाने के लिए नई नीति में जो प्रधान है उससे भारत की प्रतिभा निखरेगी.
उन्होंने कहा कि भारत को महाशक्ति बनने की प्रबल इच्छा शक्ति को उद्घाटित करती नई शिक्षा नीति से निश्चित ही देश के युवाओं के भविष्य सुधरेगी एवं उज्जवल बनेगी. जानकारी जिला मीडिया प्रभारी श्याम बिहार अग्रवाल ने दी.