Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण के मतदान में अब मात्र तीन दिनों का समय शेष रह गया है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश भर में सियासी सरगर्मियां चरम पर हैं और नेताओं की ताबड़तोड़ जनसभाओं से माहौल पूरी तरह चुनावी हो गया है। मतदाताओं को लुभाने के लिए पार्टियों के स्टार प्रचारक मैदान में उतर चुके हैं और हर दिन कई इलाकों में सभाओं के माध्यम से जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं।
रविवार को चुनावी माहौल और अधिक गर्माने वाला है, क्योंकि आज कई बड़े नेता बिहार के विभिन्न जिलों में प्रचार अभियान में हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज चुनाव प्रचार अभियान में उतरेंगे। प्रधानमंत्री आरा, नवादा और पटना में अलग-अलग चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। पटना में रोड शो भी करेंगे।
कांग्रेस के शीर्ष नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज दो जिलों बेगूसराय और खगड़िया में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी की पहली सभा सोना चिमनी ग्राउंड, परना (बेगूसराय) में होगी, जबकि दूसरी सभा जेएनकेटी इंटर स्कूल ग्राउंड, खगड़िया में निर्धारित है। दोनों सभाओं में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के जुटने की संभावना है।
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी आज बिहार में प्रचार अभियान के तहत सारण जिले के रिविलगंज में चुनावी सभा करेंगे। यह सभा अभिनेता और छपरा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी खेसारी लाल यादव के समर्थन में आयोजित की जा रही है। अखिलेश यादव की इस सभा को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार होगा जब कोई बड़ा बाहरी नेता भोजपुरी स्टार के समर्थन में प्रचार करने बिहार आ रहा है।
वहीं बिहार की राजनीति के केंद्र में रहे राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी आज मोकामा समेत कई इलाकों में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। तेजस्वी यादव लगातार राज्यभर में रैलियां कर रहे हैं और बेरोजगारी, महंगाई तथा शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं।
पहले चरण के मतदान की उलटी गिनती शुरू होते ही नेताओं के दौरे तेज हो गए हैं। सभी दल अपने-अपने समर्थक वर्ग को मजबूत करने और मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। गांवों से लेकर शहरों तक चुनावी चर्चा तेज है और हर गली-मोहल्ले में प्रत्याशियों की सक्रियता दिख रही है।
प्रचार के इन अंतिम दिनों में बड़े नेताओं की सभाएं चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं मतदाताओं की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि किस दल की रणनीति जनता को ज्यादा प्रभावित कर पाती है।
बिहार की राजनीति में पारंपरिक मुद्दों के साथ इस बार युवा, रोजगार, शिक्षा और विकास जैसे सवाल भी केंद्र में हैं। ऐसे में अगले कुछ दिनों में होने वाले ये चुनावी दौरे प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।







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