Panapur: भाकपा(माले) के नेतृत्व में हजारों किसान एवं मजदूरों ने किया प्रदर्शन. माले कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पदाधिकारियों तथा जप्रतिनिधियों की मिलीभगत से लूट मची हुई है. पिछले वर्ष आयी बाढ़ में सरकार द्वारा सभी परिवार को जीआर की राशि देने की बात कही थी. लेकिन एक वर्ष बाद भी राशि लोगों के खाते में नहीं पहुची.
सरकार किसानों को अन्नदाता कहती है लेकिन बाढ़ सुखाड़ की क्षतिपूर्ति खुद या उनके दलाल हजम कर जाते हैं. इक्का दुक्का ही किसी किसान को मिल पाता है. इसके लिए भी कृषि सलाहकार के माध्यम से पहले कमीशन की राशि तय की जाती है. इन्दिरा आवास योजना में भी आवास सहायक तथा विकास मित्र के जरीये पांच से दस हजार रूपये वसूले जा रहें हैं.
दूसरी तरफ सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं यथा शौचालय तथा नल जल योजना भारी लूट मची हुई है. जिनके शौचालय नहीं बने लेकिन दलाली सेट हो गयी उनकों अनुदान मिल गया. एक हीं शौचालय पर तीन तीन अनुदान दिया गया है. जबकि ऐसे भी व्यक्ति हैं कि उन्हें अभी अनुदान नही मिला है. प्रखण्ड को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा रहा है. जबकि पचास प्रतिशत घरों में भी शौचालय नहीं बने हैं. जनप्रतिनिधि सामूहिक इस्तीफे का ढोंग कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. सभा को संबोधित करने वालों में जिला सचिव सभापति राय, आईसा नेता अनुज कुमार दास, रजनीकांत रमण, नागेन्द्र कुशवाहा, विजय कुमार सिंह तथा सीवान से जयनाथ यादव का नाम शामिल है.
भाकपा माले ने प्रदर्शन के माध्यम से जो मांग की है वह निम्नलिखित है
किसानों की दी जानेवाली अनुदान में कमीशनखोरी बंद किया जाय
आवास योजना तथा शौचालय अनुदान में कमीशन पर रोक लगायी जाय
मनरेगा योजना में जेसीबी से काम पर रोक लगे तथा सभी मजदूरों को काम दिया जाए
फसल मुआवजा के लिए दो हेक्टेयर की बाध्यता समाप्त कर तीस हजार प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाय
अनसर्वे पर भी मुआवजा दिया जाय
बंद पड़े सभी नलकूपों को चालू किया जाय
जिन परिवारों का अबतक जीआर की राशि भुगतान नहीं हुई है उन्हें अवलम्ब भुगतान किया जाय