छपरा: विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिला बाल संरक्षण इकाई एवं यूनिसेफ के सहयोग से DRDA के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर मनीष कुमार ने कहा कि बालकों के देखरेख के लिए 2015 में एक अधिनियम बनाया गया जिसमें विधि विवादित बच्चे तथा देखरेख की आवश्यकता वाले बच्चों को अलग-अलग खेमें में रखा जाएगा तथा थाने में द्वितीय वरीयता प्राप्त पुलिस पदाधिकारी को बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी बनाया गया है. ये कार्यशाला उन्हीं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारीयों के लिए है.
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक, भास्कर प्रियदर्शी ने संरक्षण प्राप्त बच्चों के लिए दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया. यूनिसेफ प्रतिनिधि, अजय एंव राकेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बाल विवाह अधिनियम, बाल दुव्र्याव्हार, किशोर पुलिस इकाई का गठन, चाइल्ड टेªकिग, रिर्पोटिंग तथा मोनिटरिंग आदि की जानकारी दी.
इस कार्यशाला में मानस संस्था के अध्यक्ष, देवेश नाथ दीक्षित, सदस्य किशोर न्याय परिषद के सदस्य, विनय कुमार सिंह, अमृता वर्मा तथा संजय कुमार एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी, मो एसामुल हक उपस्थित थें.