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इतिहास के पन्नों मेंः 15 अप्रैल

सिख धर्म के इतिहास में 15 अप्रैल की तारीख स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव जी का जन्म हुआ था। भारत-चीन संबंधों को लेकर भी यह तारीख अहम है। इसी दिन फ्रांस में ऐसे कानून को मंजूरी दी गयी, जिसमें स्कूली बच्चों को किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीक चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी।

गुरु नानकदेव का जन्मः 15 अप्रैल 1469 में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव का जन्म हुआ था। वे राय भोई की तलवंडी (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए,  जो अब ननकाना साहिब के नाम से देश-दुनिया में मशहूर है। बाबा मेहता कालू और माता तृप्ता के यहां पैदा हुए इस बालक को नानक का नाम दिया गया, जो आगे चलकर सिखों के पहले गुरु के रूप में पूजनीय हुए।उन्होंने धार्मिक सौहार्द्र को सर्वोपरि बताते हुए सिख धर्म की नींव रखी। वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे और दुनिया भर के कई स्थानों की उन्होंने यात्राएं की।

लियोनार्दो द विंचीः 1452 में 15 अप्रैल को इटली के फ्लोरेंस सूबे के विंची नामक स्थान पर महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तु शिल्पी और संगीतज्ञ लियोनार्दो द विंची का जन्म हुआ। उनकी पेंटिंग ‘मोनालिसा’ पूरी दुनिया में सर्वमान्य रूप से सराही गयी। पेंटिंग की दुनिया में लियोनार्दो द विंची का विशिष्ट स्थान है।


धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर कानूनः 2004 में आज के दिन ही फ्रांस के राष्ट्रपति जॉक शिराक ने उस कानून को मंजूरी दी, जिसके तहत स्कूलों में किसी भी तरह के धार्मिक प्रतीक चिह्न के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गयी। हालांकि यह कानून 2 सितंबर से लागू हुआ। इस कानून के जरिये मुस्लिम छात्राओं के सिर पर पहने जानेवाले हिजाब, सिख छात्रों को पगड़ी और ईसाई बच्चों के क्रॉस पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया।

अन्य अहम घटनाएंः

1865- संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन का निधन।

1689- फ्रांस की स्पेन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा।

1976- भारत ने  बीजिंग में अपना दूत भेजने की घोषणा की।

1980- छह गैर सरकारी बैंक राष्ट्रीयकृत किये गए। इससे पूर्व भी कुछ बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

1981- पाकिस्तान एयरवेज के अगवा हुए बोइंग 720 विमान को दो सप्ताह की कोशिशों के बाद सीरिया से छुड़ाया गया। इसमें 147 यात्री सवार थे। इस रिहाई के एवज में पाकिस्तान की सरकार को जेल में बंद 54 कैदियों को रिहा करना पड़ा।

1990- मिखाइल गोर्बाचोव सोवियत संघ के पहले और आखिरी राष्ट्रपति बने। दरअसल, सोवियत संघ में राष्ट्रपति का पद 15 मार्च

1990 को ही सृजित किया गया था।

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