इतिहास के पन्नों मेंः 01 मई

इतिहास के पन्नों मेंः 01 मई

मजदूर दिवसः 01 मई 1886 में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इसकी बुनियाद अमेरिका में मजदूर यूनियनों के उस प्रदर्शन ने रखी जो 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराए जाने को लेकर शुरू की गयी थी। 01 मई को अमेरिका में मजदूर यूनियनों ने इस मांग को लेकर आंदोलन और हड़ताल की शुरुआत की। जिसमें अमेरिका के लाखों मजदूरों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। कहते हैं कि लगभग ग्यारह हजार फैक्टरियों के करीब तीन लाख 80 हजार मजदूर इसमें शामिल थे। इस दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम धमाका हुआ। बम धमाके के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गयी। शिकागो में शहीद इन प्रदर्शनकारी मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया। 1889 के पेरिस अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में हेमार्केट में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 01 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने का विधिवत ऐलान किया गया। साथ ही इस दिन कामगारों व श्रमिकों के अवकाश की भी घोषणा की गयी। भारत सहित दुनिया के तकरीबन 80 देशों में उसी समय से मजदूर दिवस को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाने लगा।
अन्य अहम घटनाएंः
1897- स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
1908- मुजफ्फरपुर बम कांड को अंजाम देने के बाद प्रफुल्ल चाकी ने खुद को गोली मारी।
1914- कार निर्माता कंपनी फोर्ड वह पहली कंपनी बनी जिसने अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे काम का नियम लागू किया।
1923- भारत में मई दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
1956- जोनसा साल्क द्वारा विकसित पोलियो वैक्सीन जनता के लिए उपलब्ध करायी गयी।
1960- महाराष्ट्र और गुजरात अलग-अलग राज्य बने।
1972- देश की कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण।
2011- अमेरिका पर 2001 के हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान के एबटाबाद में मारे जाने की पुष्टि।

 

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